मुजफ्फरनगर। जिला अस्पताल में मरीजों के प्रति लापरवाह रवैये की एक शर्मनाक तस्वीर शुक्रवार रात सामने आई, जब एक लावारिस मरीज को इलाज अधूरा छोड़कर वार्ड से बाहर निकाल दिया गया। बारिश के बीच वह मरीज अस्पताल परिसर की एक बेंच पर बेसुध हालत में पड़ा रहा। इस अमानवीय व्यवहार की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
जानकारी के अनुसार, गुरुवार को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में एक लावारिस मरीज गंभीर हालत में पहुंचा था। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे भर्ती कर लिया। लेकिन शुक्रवार रात स्टाफ ने उसे डिस्चार्ज कर वार्ड से बाहर कर दिया, जबकि उसकी हालत ऐसी नहीं थी कि वह चल-फिर सके। बारिश के बीच वह बेंच पर ही पड़ा रहा और किसी ने उसकी सुध नहीं ली।
इस घटना की जानकारी जैसे ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुनील कुमार तेवतिया को मिली, उन्होंने तत्काल मरीज को वापस भर्ती कर उपचार जारी रखने के निर्देश दिए। हालांकि, उनके निर्देशों के बावजूद स्टाफ ने लापरवाही बरती और मरीज को समय पर वार्ड में नहीं लाया गया।
बाद में सीएमओ के हस्तक्षेप और सख्त निर्देशों के बाद ही मरीज को वापस भर्ती कर इलाज शुरू किया गया।
सीएमओ डॉ. सुनील कुमार तेवतिया ने कहा:
“लावारिस मरीज के बारिश में बेसुध पड़े होने की सूचना मिलने पर तत्काल सीएमएस को कार्रवाई के निर्देश दिए गए। ऐसे मरीजों के लिए रैन बसेरे की सुविधा भी मौजूद है। उन्हें यूं ही छोड़ना बिल्कुल गलत है।”
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री द्वारा सरकारी अस्पतालों में सभी जरूरतमंद और बेसहारा मरीजों को प्राथमिकता से इलाज देने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इसके बावजूद अस्पताल स्टाफ की यह लापरवाही कई सवाल खड़े करती है।