स्कूल फीस बिल पर बवाल: आप ने कहा- माता-पिता पर बढ़ेगा बोझ, स्कूलों को मिलेगा फायदा

सोमवार से शुरू हो रहे दिल्ली विधानसभा सत्र में राज्य सरकार द्वारा निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण के उद्देश्य से एक नया विधेयक पेश किया जाएगा। सरकार का कहना है कि इस प्रस्तावित कानून से निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगेगी, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस विधेयक को लेकर गंभीर आपत्ति जताई है। पार्टी का आरोप है कि इस कानून से आम लोगों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा और निजी स्कूलों को इसका फायदा पहुंचेगा।

AAP का BJP पर आरोप, फीस बढ़ोतरी पर नहीं हुई कार्रवाई

AAP के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि फरवरी में राजधानी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद अप्रैल में जैसे ही नया शैक्षणिक सत्र शुरू हुआ, कई निजी स्कूलों ने फीस में भारी वृद्धि कर दी। कुछ स्कूलों में यह वृद्धि 80% से अधिक तक रही। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली के डीपीएस द्वारका स्कूल के बाहर अभिभावकों ने कई दिनों तक प्रदर्शन किया, लेकिन बच्चों को बढ़ी हुई फीस जमा न करने पर कक्षा में नहीं जाने दिया गया और उन्हें लाइब्रेरी में बैठा दिया गया। स्कूल प्रशासन ने परिसर के बाहर सुरक्षा के लिए बाउंसर भी तैनात कर दिए।

ऑडिट रिपोर्ट पर भी उठाए सवाल

भारद्वाज ने बताया कि शिक्षा मंत्री ने दावा किया था कि सरकार ने सभी निजी स्कूलों का ऑडिट करवाया है और यह रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी। उन्होंने सवाल उठाया कि चार महीने बीतने के बाद भी यह रिपोर्ट अब तक सामने क्यों नहीं आई है।

कानून को लेकर पारदर्शिता पर सवाल

AAP नेता ने कहा कि सरकार यह कानून विधानसभा में ला रही है लेकिन इसे जनता के विचार के लिए सार्वजनिक नहीं किया गया, जिससे पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने पहले इसे अध्यादेश के रूप में लाने की बात कही थी और केंद्र सरकार तथा राष्ट्रपति को भेजा गया था, लेकिन अब तक वह अध्यादेश भी नहीं आया है।

फीस नियंत्रण के प्रावधानों पर आपत्ति

भारद्वाज ने चिंता जताई कि प्रस्तावित कानून में ऐसे प्रावधान जोड़े गए हैं जो अभिभावकों के लिए शिकायत दर्ज कराना कठिन बना देंगे। पहले यदि कोई एक अभिभावक भी फीस वृद्धि से असंतुष्ट होता था, तो वह शिक्षा निदेशालय में शिकायत दर्ज करा सकता था, लेकिन अब नए कानून के अनुसार शिकायत दर्ज कराने के लिए कम से कम 15% अभिभावकों की सहमति आवश्यक होगी।

‘शिकायत को असंभव बनाने की कोशिश’

उन्होंने सवाल किया कि अगर किसी स्कूल में 3000 छात्र हैं, तो 450 अभिभावकों की शिकायत आवश्यक होगी। उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है कि कोई व्यक्ति इतने अभिभावकों से संपर्क करके शिकायत के लिए तैयार करे। भारद्वाज ने इसे एक सोची-समझी योजना करार दिया, जिससे शिकायत दर्ज करना लगभग असंभव हो जाएगा।

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