भारतीय सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने ओवल टेस्ट की दूसरी पारी में जबरदस्त वापसी करते हुए शानदार शतक जड़ा। उन्होंने 127 गेंदों में 11 चौके और 2 छक्कों की मदद से यह पारी खेली। यह उनका टेस्ट करियर का छठा शतक रहा, जिनमें से चार इंग्लैंड के खिलाफ आए हैं। जायसवाल की इस पारी की बदौलत भारत निर्णायक टेस्ट में मजबूत स्थिति में पहुंच गया। खास बात यह रही कि उनका परिवार भी इस ऐतिहासिक लम्हे का साक्षी बना।
लीड्स में भी किया था कमाल
इससे पहले लीड्स टेस्ट की पहली पारी में जायसवाल ने 101 रन की अहम पारी खेली थी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने एजबेस्टन में 87 और मैनचेस्टर में 58 रन की अर्धशतकीय पारियां भी खेलीं। हालांकि इस सीरीज में दो बार वह शून्य पर भी आउट हुए।
कोहली-सचिन को पीछे छोड़ा
इस सीरीज के दौरान उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 2,000 रन का आंकड़ा भी छू लिया। एजबेस्टन टेस्ट के दौरान यह उपलब्धि हासिल करते हुए वे सबसे तेज 2,000 टेस्ट रन बनाने वाले भारतीय खिलाड़ियों की सूची में राहुल द्रविड़ और वीरेंद्र सहवाग के साथ संयुक्त रूप से पहले स्थान पर पहुंच गए। तीनों ने यह मुकाम 40 पारियों में हासिल किया।
400 से ज्यादा रन बनाने वाले 5वें खिलाड़ी बने
इस टेस्ट सीरीज में यशस्वी ने 10 पारियों में 41.10 की औसत से 411 रन बनाए हैं, जिसमें दो शतक और दो अर्धशतक शामिल हैं। वह इस सीरीज में 400 से अधिक रन बनाने वाले पांचवें भारतीय बल्लेबाज बने। उनसे पहले शुभमन गिल, केएल राहुल, रवींद्र जडेजा और ऋषभ पंत यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं।
23 साल की उम्र में दूसरा सबसे सफल भारतीय बल्लेबाज
23 वर्ष की उम्र तक टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक शतक जड़ने वाले भारतीयों में जायसवाल अब दूसरे स्थान पर आ गए हैं। इस सूची में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान शीर्ष पर हैं, जिन्होंने इस उम्र तक सात शतक लगाए थे।
ओवल पर रचा नया इतिहास
ओवल मैदान पर शतक लगाने वाले भारतीय सलामी बल्लेबाजों की सूची में यशस्वी अब तीसरे नाम बन गए हैं। इससे पहले सुनील गावस्कर और रोहित शर्मा यहां शतक लगा चुके हैं।
सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों ने बनाए 12 शतक
इस टेस्ट सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों ने कुल 12 शतक जड़े हैं, जो टेस्ट इतिहास में किसी टीम द्वारा एक सीरीज में शतकों के मामले में चौथी बार हुआ है। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया (1955), पाकिस्तान (1982-83) और साउथ अफ्रीका (2003-04) ने एक सीरीज में इतने ही शतक जड़े थे।