इंदौर के चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। एक महिला द्वारा अपने डेढ़ वर्षीय पुत्र की डीएनए रिपोर्ट सार्वजनिक करने के बाद मामले ने नया मोड़ ले लिया है। महिला का दावा है कि जांच में यह सिद्ध हो चुका है कि बच्चा राजा रघुवंशी के भाई सचिन रघुवंशी का है। इस खुलासे के बाद रघुवंशी परिवार पर सवालों की बौछार शुरू हो गई है।
मीडिया से बातचीत में महिला ने कहा कि जब डीएनए से सत्य सामने आ गया है, तो परिवार को अब चुप्पी तोड़नी चाहिए। उन्होंने कहा, “अब सचिन और उसके घरवालों के पास कहने को कुछ नहीं बचा है। उन्होंने न सिर्फ मेरे साथ विश्वासघात किया बल्कि मेरे बच्चे को भी समाज से अलग करने की कोशिश की है। अब समय आ गया है कि वे सच स्वीकारें।”
गंभीर आरोप लगाए
महिला ने आरोप लगाया कि सचिन और उसके परिवार ने उसे और उसके बेटे को जानबूझकर समाज से अलग-थलग करने की कोशिश की। उसने कहा कि न्याय की गुहार के बावजूद परिवार ने कभी स्वीकार नहीं किया कि बच्चा उनका है। महिला के मुताबिक, उन्होंने कई बार अदालत का रुख किया, लेकिन परिवार का रवैया लगातार उपेक्षात्मक रहा।
महिला ने यह भी कहा कि यदि सचिन ने विवाह की प्रक्रिया सही तरीके से निभाई होती, तो आज यह स्थिति नहीं बनती। उसके पास शादी से जुड़े वीडियो और मंदिर में संपन्न रस्मों के प्रमाण भी मौजूद हैं। भावुक होते हुए महिला ने कहा, “मेरा बच्चा न्याय के लिए भटक रहा है। सचिन और उसके परिवार को अपने व्यवहार पर शर्म आनी चाहिए।”
रघुवंशी परिवार पर बढ़ा दबाव
रघुवंशी परिवार पहले से ही राजा रघुवंशी की हनीमून ट्रिप के दौरान हुई संदिग्ध मृत्यु को लेकर जांच के घेरे में था। अब डीएनए रिपोर्ट से जुड़े इस नए घटनाक्रम के बाद केस और जटिल हो गया है। पीड़िता को उम्मीद है कि अदालत अब इस मामले में तेजी से कार्यवाही करेगी और दोषियों को उनके कृत्य की सजा मिलेगी।