पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने प्रशासन में भ्रष्टाचार को लेकर गहरी चिंता जताते हुए अधिकारियों और पुलिस तंत्र की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जनता को अब यह तय करना चाहिए कि वह अपना मत किसे दे रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि जनता को वोट मांगने आए किसी भी व्यक्ति से केवल एक वादा लेना चाहिए—“भ्रष्टाचार से मुक्त शासन और प्रशासन।”
उमा भारती ने कहा कि भ्रष्टाचार रहित शासन और प्रशासन दोनों आवश्यक हैं, केवल राजनीतिक ईमानदारी काफी नहीं। उन्होंने कहा, “मैं अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहती हूं कि आपने राजनीतिक स्तर पर शुचिता स्थापित कर दी है। केंद्र सरकार के किसी मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है और राज्यों में भी मंत्रियों, विधायकों और सांसदों ने शिष्टाचार का पालन किया है। लेकिन पुलिस और प्रशासनिक अफसरों पर किसी की पकड़ नहीं है।”
उन्होंने यह भी कहा कि मोदी और योगी जैसे सशक्त नेतृत्व भी अधिकारियों की गारंटी नहीं दे सकते, इसलिए व्यवस्था में बदलाव नीचे से शुरू होना चाहिए। उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से कहा, “अब ऐसी गंगा की आवश्यकता है जो नीचे से फूटे और ऊपर हिमालय की ओर बह निकले।”