जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के अखल देवसर क्षेत्र में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान तीसरे दिन भी जारी रहा। रविवार को एक और आतंकी मारा गया, जिससे अब तक इस मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे जा चुके हैं। इससे पहले शनिवार को दो आतंकवादियों को ढेर किया गया था।
जानकारी के मुताबिक, शनिवार को मारे गए दो आतंकियों में एक की पहचान लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हारिस नजीर के रूप में हुई है, जो पुलवामा के कच्चीपोरा का निवासी था। वह सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जारी वांछित आतंकियों की सूची में शामिल था और पिछले साल 24 जून को आतंकवाद की राह पर गया था। दूसरे आतंकी की शिनाख्त देर रात तक नहीं हो सकी थी। रविवार को मारे गए तीसरे आतंकी के बाद भी क्षेत्र में अभियान जारी है, क्योंकि और आतंकियों के छिपे होने की आशंका बनी हुई है।
जंगल में छिपे आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का संयुक्त अभियान
सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार रात करीब आठ बजे सेना को अखल के जंगलों में चार से पांच आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी। इसके बाद सेना की 9 राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी), कुलगाम पुलिस और सीआरपीएफ ने मिलकर तलाशी अभियान शुरू किया। मुठभेड़ के दौरान आतंकी अंधेरे का फायदा उठाकर जंगल की ओर भाग निकले।
शनिवार तड़के एक बार फिर गोलीबारी शुरू हुई। सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया। रविवार को अभियान के दौरान तीसरे आतंकी को भी ढेर कर दिया गया।
मुठभेड़ में सैन्य अधिकारी घायल, अस्पताल में भर्ती
इस कार्रवाई में सेना का एक अधिकारी भी घायल हुआ है। बताया जा रहा है कि उन्हें कंधे पर गोली लगी, जिसके बाद उन्हें श्रीनगर स्थित 92 बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।
मौके से बरामद हुए हथियार और गोला-बारूद
सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ स्थल से एक एके राइफल, दो मैगजीन, कुछ हथगोले और अन्य गोला-बारूद बरामद किया है। शनिवार और रविवार की रात भी रुक-रुककर फायरिंग जारी रही।
एक हफ्ते में तीसरी बड़ी मुठभेड़
पिछले एक सप्ताह के भीतर जम्मू-कश्मीर में यह तीसरी मुठभेड़ है। 28 जुलाई को लिडवास के जंगलों में तीन आतंकवादी मारे गए थे, जो बायसरन हमले में शामिल बताए गए थे। वहीं, 31 जुलाई को पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के पास दो आतंकी घुसपैठ की कोशिश में मारे गए।