असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार को यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार किसी भी भारतीय नागरिक या असमिया व्यक्ति को उजाड़ने की मंशा नहीं रखती। यह बयान उन्होंने बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन (बीटीआर) में एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान दिया, जहां हालिया अतिक्रमण विरोधी अभियानों को लेकर राज्य में विवाद की स्थिति बनी हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आदिवासी और स्थानीय समुदायों द्वारा की गई ज़मीन पर कब्जों को अतिक्रमण की श्रेणी में नहीं मानती। उन्होंने यह भी दोहराया कि बेदखली से संबंधित निर्णय एक अलग विभाग द्वारा लिए जाते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी भारतीय या असमिया को इस प्रक्रिया में नुकसान न पहुंचे।
बीटीआर के गैर-आदिवासी समुदायों को मिला आश्वासन
सरमा ने बोडोलैंड क्षेत्र में रहने वाले गैर-आदिवासी समूहों को भरोसा दिलाया कि जब तक वे मुख्यमंत्री हैं, तब तक किसी को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “गोरखा, बोडो, बंगाली, असमिया, आदिवासी और अन्य समुदायों को भाजपा सरकार में समान अधिकार प्राप्त हैं और सभी को शांतिपूर्वक रहने का पूरा अवसर मिलेगा।”
विदेशी नागरिकों पर कार्रवाई जारी रखने के संकेत
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन क्षेत्रों में अवैध विदेशी नागरिकों या संदेहास्पद मतदाताओं ने अतिक्रमण किया है, वहां सरकार अभियान जारी रखेगी। उनका कहना था कि इस तरह के कब्जे राज्य की सुरक्षा और संसाधनों के खिलाफ हैं और इन्हें हटाना आवश्यक है।
गोलाघाट और नागालैंड सीमा पर चला बड़ा अभियान
रविवार को गोलाघाट जिले के नमबोर साउथ रिजर्व फॉरेस्ट में राज्य सरकार ने लगभग 1,000 बीघा (करीब 133 हेक्टेयर) वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया। इस दौरान 350 से अधिक परिवारों को हटाया गया। इससे एक दिन पहले रेंगमा रिजर्व फॉरेस्ट (असम-नागालैंड सीमा) में 11,000 बीघा से अधिक भूमि पर कार्रवाई की गई, जिसमें करीब 1,500 परिवार प्रभावित हुए, जिनमें अधिकांश मुस्लिम समुदाय से थे।
डोयांग रिजर्व फॉरेस्ट में अगला अभियान
राज्य सरकार ने नेघेरीबिल क्षेत्र के 205 परिवारों को बेदखली का नोटिस भेजा है। यह इलाका डोयांग रिजर्व फॉरेस्ट में स्थित है, जहां 8 अगस्त से कार्रवाई शुरू हो सकती है। मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ समुदायों में इन अभियानों को लेकर असुरक्षा की भावना देखी जा रही है। सरकार का कहना है कि केवल गैरकानूनी अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, न कि स्थानीय नागरिकों के खिलाफ।
कांग्रेस का पलटवार, गोगोई का तीखा बयान
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है, तो मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और उनके मंत्रियों द्वारा कब्जाई गई कथित ‘अवैध’ जमीन गरीबों में बांटी जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने विकास के नाम पर आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों को बेदखल किया है।
गोगोई ने यह भी कहा कि राहुल गांधी के उस वादे को पूरा करने की दिशा में यह पहला कदम होगा, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री सरमा को जेल भेजने की बात कही थी। उन्होंने भाजपा सरकार पर “तानाशाही, भ्रष्टाचार और भूमिहड़प” के आरोप लगाए।
कांग्रेस की आगामी रणनीति
गोगोई ने जानकारी दी कि कांग्रेस ने आर्थिक और राजनीतिक प्रस्ताव पारित किए हैं, जिनमें ग्रामीण व्यवसायों की आय बढ़ाने, रोजगार सृजन और समावेशी विकास को प्राथमिकता देने की योजना शामिल है। उन्होंने कहा कि 2026 विधानसभा चुनावों की तैयारी के तहत पार्टी सितंबर से राज्यभर में व्यापक अभियान शुरू करेगी।