दिल्ली पुलिस ने 21 वर्षों से फरार चल रहे एक हत्यारोपी को लखनऊ से पकड़ने में सफलता हासिल की है। 60 वर्षीय आरोपी वीरपाल उर्फ मैजू को वर्ष 2004 में अपनी पत्नी की हत्या के मामले में आरोपी बनाया गया था और 2005 में उसे अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। पुलिस ने अब उसे करीब 550 किलोमीटर दूर लखनऊ से गिरफ्तार कर पुराने मामले का पटाक्षेप किया है।
पत्नी की हत्या कर हुआ था फरार
22 सितंबर 2004 को दिल्ली पुलिस को एक मकान में रहने वाले किरायेदार के खिलाफ शिकायत मिली थी, जिसने अपनी पत्नी और बच्चे पर हमला कर फरार हो गया था। मौके पर पहुंचने पर पुलिस को खून से लथपथ महिला मृत अवस्था में मिली, जिसके मुंह में कपड़ा ठूंसा गया था। घटनास्थल से खून लगी ईंट, टूटी चूड़ियां और एक टूटा दांत बरामद किया गया था।
बेटे की गवाही से खुले राज
मृतका का बेटा, जो उस वक्त घायल अवस्था में मिला था, उसने अपने पिता वीरपाल और चाचा सुरेश उर्फ सैजू को हमलावरों के रूप में पहचाना था। जांच के बाद सुरेश को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसे अदालत ने 2007 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। लेकिन मुख्य आरोपी वीरपाल तब से फरार था।
नया नाम, नई पहचान और दूसरी शादी
फरारी के दौरान वीरपाल ने अपनी पुश्तैनी संपत्ति बेचकर गांव से नाता तोड़ लिया और ‘विजय’ या ‘रामदयाल’ के नाम से नई पहचान बनाकर लखनऊ में बस गया। इस दौरान उसने दोबारा विवाह किया और तीन बेटियों का पिता बना। वह दिहाड़ी मजदूरी कर जीविकोपार्जन कर रहा था।
गुप्त सूचना से मिली कामयाबी
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को हाल ही में वीरपाल के लखनऊ में होने की पुख्ता जानकारी मिली थी। इसके बाद विशेष टीम ने छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने हत्या की बात स्वीकार कर ली। मामले की पुष्टि करते हुए डीसीपी (क्राइम) आदित्य गौतम ने कहा कि अब वीरपाल को न्यायिक प्रक्रिया के तहत कोर्ट में पेश किया जाएगा।