सेना के एक कार्यरत कर्नल और उनके पुत्र पर हमले के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के चार पुलिस अधिकारियों को कोई राहत नहीं दी है। शीर्ष अदालत ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें इस प्रकरण की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने का निर्देश दिया गया था।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने पुलिस अधिकारियों की याचिका को खारिज करते हुए सेना के योगदान पर बल दिया। अदालत ने टिप्पणी की कि “सेना का सम्मान किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्हीं के कारण नागरिक शांति से जीवन बिता पाते हैं।”
मामले के अनुसार, पंजाब पुलिस के चार अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली से पटियाला की यात्रा कर रहे सेना के कर्नल और उनके बेटे के साथ एक ढाबे पर खाना खाने के दौरान झगड़ा किया और कथित रूप से मारपीट की, क्योंकि उन्होंने अपनी गाड़ियां हटाने से इनकार कर दिया था।
शिकायतकर्ता सेना अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि घटना के बावजूद स्थानीय पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की, क्योंकि राज्य सरकार अपने अधिकारियों को बचाने में लगी हुई थी। इसी आधार पर हाई कोर्ट ने मामले को सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी वैध ठहराया।