मक्कल निधि मय्यम पार्टी के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद कमल हासन ने सोमवार को चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि शिक्षा वह ताकत है, जो तानाशाही प्रवृत्तियों और सनातन धर्म से जुड़ी रूढ़ियों की बेड़ियों को तोड़ सकती है। यह कार्यक्रम अभिनेता सूर्या की अगारम फाउंडेशन की ओर से आयोजित किया गया था।
हासन ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि इसकी वजह से कई प्रतिभाशाली छात्र चिकित्सा शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में बदलाव लाने की ताकत भी केवल शिक्षा के जरिए ही संभव है।
राज्यसभा में हाल ही में नामित किए गए हासन ने कहा, “केवल कोई एक संगठन या व्यक्ति इस लड़ाई को नहीं लड़ सकता। शिक्षा ही वह शक्ति है, जो बिना किसी हिंसा या हथियार के समाज में व्यापक परिवर्तन ला सकती है।”
उन्होंने आगे कहा, “शिक्षा एकमात्र ऐसा साधन है जो तानाशाही मानसिकता और कट्टरपंथी विचारधारा को चुनौती देने में सक्षम है। बहुसंख्यक भ्रमित भीड़ के सामने तर्क पराजित हो सकता है, लेकिन समझदारी को बचाने का रास्ता भी शिक्षा ही है।”