उत्तर प्रदेश एटीएस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सोशल मीडिया के ज़रिए भारत में शरिया कानून लागू करने और गैर-मुस्लिमों के विरुद्ध उकसाने की साजिश रचने वाले दो कट्टरपंथी युवकों को गिरफ्तार किया है। दोनों संदिग्ध व्हाट्सएप ग्रुप ‘रिवाइविंग इस्लाम’ से जुड़े हुए थे, जिसमें तीन एडमिन सहित लगभग 400 पाकिस्तानी सदस्य हैं।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, यह ग्रुप विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों से जिहादी विचारधारा फैलाने, भारत में ग़ज़वा-ए-हिंद की बात करने और मुस्लिम युवाओं को उकसाकर देशविरोधी गतिविधियों में शामिल करने का प्रयास कर रहा था।
एटीएस ने इस नेटवर्क से जुड़े अमरोहा जिले के नौगवां सादात थाना क्षेत्र के देहरा गांव निवासी अजमल अली को पूछताछ के बाद गिरफ़्तार किया। पूछताछ के दौरान अजमल ने न सिर्फ अपने अपराध को स्वीकार किया, बल्कि यह भी खुलासा किया कि वह पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में था और ‘रिवाइविंग इस्लाम’ ग्रुप के अलावा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए भी कट्टरपंथी विचार साझा करता था।
अजमल ने बताया कि वह महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर क्षेत्र में रहने वाले डॉ. उसामा माज शेख के संपर्क में था, जिसे वह अपना मार्गदर्शक मानता था। दोनों के बीच इंस्टाग्राम और सिग्नल ऐप के माध्यम से संवाद होता था, जिसमें भारत सरकार के खिलाफ साजिश, शासन व्यवस्था को अस्थिर कर शरिया कानून लागू करने जैसे विषयों पर चर्चा होती थी।
इन अहम खुलासों के बाद एटीएस ने अजमल अली के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया। साथ ही, महाराष्ट्र एटीएस और ठाणे पुलिस की मदद से डॉ. उसामा को भी हिरासत में लेकर ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जा रहा है। दोनों आरोपियों को अदालत में पेश कर एटीएस रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ करेगी।
एटीएस लंबे समय से सोशल मीडिया के माध्यम से फैल रहे राष्ट्रविरोधी नेटवर्क्स पर नजर रख रही थी, और यह कार्रवाई उसी सतत निगरानी का नतीजा है।