मुजफ्फरनगर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ स्थापित किए जाने की मांग को लेकर सोमवार को जिला बार एसोसिएशन और सिविल बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने ज़ोरदार प्रदर्शन किया। इसके साथ ही वकीलों के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा।
इस मौके पर सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और महासचिव के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों की जनसंख्या सात करोड़ से अधिक है, इसके बावजूद अब तक इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ यहां स्थापित नहीं की गई है। ज्ञापन में अधिवक्ता सुनील कुमार मित्तल और राज सिंह रावत ने बताया कि यह मांग आज़ादी के बाद से ही उठती रही है और पिछले पांच दशकों से विभिन्न माध्यमों से लगातार इस मुद्दे को उठाया जा रहा है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि महाराष्ट्र में बॉम्बे हाईकोर्ट की कोल्हापुर खंडपीठ पहले ही स्थापित की जा चुकी है, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अब भी नजरअंदाज किया जा रहा है। अधिवक्ताओं ने केंद्र व राज्य सरकार से मांग की कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शीघ्र ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि क्षेत्रीय जनता को शीघ्र न्याय सुलभ हो सके।