उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही तेज बारिश के चलते गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। हरिद्वार में भी गंगा चेतावनी सीमा को पार कर चुकी है। इस बीच, देर रात करीब 1 बजे हर की पौड़ी-भीमगोडा मार्ग पर पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा टूटकर सड़क पर आ गिरा, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। यह स्थान हर की पौड़ी से महज कुछ ही दूरी पर है, जहां रोज़ाना भारी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं।
घटना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर रास्ते को बैरिकेडिंग कर सील कर दिया है, हालांकि स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह इलाका पहले भी भूस्खलन का शिकार हो चुका है, लेकिन प्रशासन ने जरूरी कदम नहीं उठाए। यह मार्ग वीआईपी आवाजाही का मुख्य रास्ता भी है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ गई है।
दो दिन से हो रही मूसलधार बारिश
हरिद्वार और आसपास के इलाकों में लगातार दो दिनों से बारिश जारी है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि संभावित खतरे को देखते हुए गांवों को सतर्क कर दिया गया है और संबंधित विभागों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हालात पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
गंगा का जलस्तर चेतावनी स्तर के पार
जिलाधिकारी के अनुसार, पहाड़ी क्षेत्रों में भी लगातार बारिश हो रही है, जिससे नदियों और नालों में उफान देखा जा रहा है। भीमगौड़ा बैराज पर गंगा चेतावनी स्तर (293 मीटर) को पार कर चुकी है। मंगलवार दोपहर 12 बजे तक गंगा का जलस्तर 293.10 मीटर दर्ज किया गया। यदि बारिश का क्रम यूं ही जारी रहा, तो जलस्तर में और बढ़ोतरी की आशंका है।
प्रशासन अलर्ट मोड में, बाढ़ चौकियां सक्रिय
गंगा के जलस्तर पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन की टीमें नजर बनाए हुए हैं। इसके अलावा नदी किनारे बसे इलाकों में स्थापित बाढ़ चौकियों को सतर्क कर दिया गया है। प्रशासन की कोशिश है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अग्रिम तैयारियां पूरी रहें।