लोकसभा ने मंगलवार को गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने संबंधी विधेयक पारित कर दिया। इस बीच, विपक्ष बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर लगातार विरोध करता रहा। विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘गोवा विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक, 2025’ सदन में चर्चा और पारित कराने के लिए प्रस्तुत किया, जिसे शोर-शराबे के बीच ध्वनिमत से मंजूरी दी गई।
गोवा में एसटी की बढ़ती जनसंख्या, फिर भी आरक्षण नहीं
विधेयक में बताया गया है कि 2011 की जनगणना के अनुसार गोवा में अनुसूचित जनजातियों की आबादी 1,49,275 तक पहुंच चुकी थी, जो कुल जनसंख्या 14,58,545 का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके बावजूद, 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में एसटी वर्ग के लिए अब तक कोई भी सीट आरक्षित नहीं थी, जबकि अनुसूचित जातियों के लिए एक सीट पहले से ही आरक्षित है।
बिल का उद्देश्य: आरक्षण में असंतुलन की भरपाई
यह विधेयक इस असंतुलन को खत्म कर अनुसूचित जनजातियों को संविधानप्रदत्त आरक्षण का लाभ दिलाने के उद्देश्य से लाया गया है। यह विधेयक पहली बार 6 अगस्त 2024 को लोकसभा में पेश किया गया था, और अब जाकर पारित हुआ है। यह मौजूदा मानसून सत्र में लोकसभा द्वारा पारित पहला विधेयक है। इसके तुरंत बाद, सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन छह महीने और बढ़ा
राज्यसभा ने मंगलवार को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को आगामी 6 माह तक बढ़ाने के प्रस्ताव को पारित कर दिया। यह विस्तार 13 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह प्रस्ताव सदन में रखा, जिसे विपक्ष के विरोध के बीच ध्वनिमत से मंजूरी मिली।
गौरतलब है कि मणिपुर में पहली बार राष्ट्रपति शासन 13 फरवरी 2025 को लागू किया गया था, जब मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। राज्य में लंबे समय से जारी जातीय तनाव, हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के चलते शासन व्यवस्था को संविधान के अनुरूप बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो गया था।
48 यात्री ‘नो-फ्लाई लिस्ट’ में शामिल, विमान में अनुशासनहीनता बनी वजह
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने राज्यसभा में बताया कि वर्ष 2025 में अब तक 48 यात्रियों को ‘नो-फ्लाई लिस्ट’ में शामिल किया गया है। इसका अर्थ है कि ये यात्री किसी भी वाणिज्यिक उड़ान में यात्रा नहीं कर सकते। वर्ष 2024 में 82 और 2023 में 110 यात्रियों पर भी इसी प्रकार की रोक लगाई गई थी।
बदसलूकी की तीन श्रेणियां:
- लेवल-1: सामान्य अनुशासनहीनता, जैसे ज़ोर से बोलना – 3 माह तक प्रतिबंध
- लेवल-2: शारीरिक या अपमानजनक व्यवहार – 6 माह तक प्रतिबंध
- लेवल-3: गंभीर हिंसा या विमान को खतरा – न्यूनतम 2 साल या अधिक अवधि तक प्रतिबंध
जनवरी से जुलाई 2025 के बीच छह बार विमान के इंजन बंद, तीन बार ‘मेडे कॉल’
राज्यसभा को दी गई जानकारी में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि इस साल जनवरी से जुलाई तक कुल छह बार विमान के इंजन बंद होने की घटनाएं हुईं और तीन बार पायलटों को उड़ान के दौरान ‘मेडे कॉल’ देना पड़ा। यह कॉल तब दी जाती है जब किसी विमान को गंभीर खतरे की स्थिति में तत्काल सहायता की आवश्यकता होती है।
एयरलाइंस जिनमें इंजन फेल हुए:
- इंडिगो – 2 बार
- स्पाइसजेट – 2 बार
- एयर इंडिया – 1 बार
- एलायंस एयर – 1 बार