चुनाव आयोग ने डाटा सुरक्षा नीति के उल्लंघन को गंभीरता से लेते हुए पश्चिम बंगाल के चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। ये अधिकारी ईआर डाटाबेस के लॉगिन क्रेडेंशियल्स को अनधिकृत लोगों के साथ साझा करने के दोषी पाए गए हैं। सस्पेंड किए गए अधिकारियों में दो निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) और दो सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (एईआरओ) शामिल हैं।
आयोग ने माना कि इन अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में गंभीर लापरवाही बरती और संवेदनशील जानकारी को साझा कर डाटा गोपनीयता का उल्लंघन किया। इस संबंध में आयोग के सचिव सुजीत कुमार मिश्रा ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि मतदाता सूची की तैयारी और संशोधन से जुड़े इन अधिकारियों की जिम्मेदारी सीधे आयोग के अधीन होती है।
सचिव के अनुसार, पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा 29 जुलाई 2025 को भेजे गए एक वीडियो में विधानसभा क्षेत्र संख्या 137 – बारुईपुर पुरबा से संबंधित ईआरओ और एईआरओ द्वारा मतदाता सूची में अनुचित प्रविष्टियां किए जाने की जानकारी दी गई थी। इसके अतिरिक्त, यह भी पाया गया कि अधिकारियों ने आवेदन प्रक्रिया का सही ढंग से निपटारा नहीं किया और अपने लॉगिन विवरण अनधिकृत लोगों के साथ साझा किए।
आयोग ने इस मामले में बारुईपुर पुरबा के ईआरओ देबोताम दत्ता चौधुरी, एईआरओ तथागत मोंडल, मोयला के ईआरओ बिप्लब सरकार और एईआरओ सुदीप्त दास को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही आयोग ने निर्देश दिया है कि इन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। इसके अलावा, डाटा एंट्री ऑपरेटर सुरोजित हाल्दर पर भी आपराधिक मामला दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।