कांग्रेस की चुनावी तैयारी शुरू, पंचायत चुनाव में अकेले उतरने का एलान

कांग्रेस आगामी पंचायत चुनाव अपने बलबूते लड़ने की रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी का लक्ष्य है कि प्रदेश की प्रत्येक विधानसभा सीट पर कम से कम दो जिला पंचायत सदस्यों को जीत दिलाई जाए। इसके लिए सभी जिलाध्यक्षों को तैयारियों में जुटने और ज़मीनी होमवर्क पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।

छह लोकसभा सीटों पर मिली सफलता से कांग्रेस का हौसला बुलंद है। 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पंचायत चुनाव को संगठनात्मक मजबूती के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। हालांकि पंचायत चुनाव पार्टी के चिन्ह पर नहीं होते, फिर भी कांग्रेस मजबूत और प्रभावी चेहरों को समर्थित प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारने की योजना बना रही है।

सूत्रों के अनुसार, आगामी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से गठबंधन लगभग तय माना जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस पंचायत चुनाव के ज़रिए अपनी राजनीतिक हैसियत मज़बूत करना चाहती है, ताकि भविष्य में सीटों के बंटवारे में प्रभावशाली भूमिका निभा सके।

ब्लॉक प्रमुख पदों पर भी कांग्रेस की नजर, जातीय संतुलन के साथ बन रही रणनीति

कांग्रेस का लक्ष्य केवल जिला पंचायत सीटों तक सीमित नहीं है। पार्टी हर जिले में कम से कम पांच ब्लॉक प्रमुख की सीटें जीतने का भी रोडमैप तैयार कर रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में प्रभावशाली व संभावित उम्मीदवारों से संपर्क कर उन्हें संगठन से जोड़ा जा रहा है।

इस बार भी चुनावी रणनीति जातीय संतुलन के आधार पर ही तैयार की जाएगी, जैसा कि विधानसभा चुनावों में किया जाता है। पार्टी का मानना है कि जातीय समीकरणों और ज़मीनी पकड़ रखने वाले चेहरों को सामने लाकर जीत की संभावना बढ़ाई जा सकती है।

कार्यकर्ताओं को दिए गए निर्देश, वार्ड स्तर पर हो रही तैयारी

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि पंचायत चुनाव संगठन के लिए काफी महत्व रखता है और यह विधानसभा चुनाव की नींव मजबूत करने का एक अवसर है। उन्होंने बताया कि पार्टी प्रत्येक जिले में वार्ड स्तर पर तैयारी कर रही है और कार्यकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे जिन वार्डों से जिला या क्षेत्र पंचायत का चुनाव लड़ने की इच्छा रखते हैं, उसकी जानकारी समय रहते अपने जिलाध्यक्ष को दें।

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