राज्य में करीब 1.67 लाख उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग चुके हैं, लेकिन अभी तक इन मीटरों से बिजली बिलिंग शुरू नहीं हो सकी है। इससे उपभोक्ताओं को आशंका है कि भविष्य में कई महीनों का बिल एक साथ थमा दिया जाएगा। साथ ही, केंद्र सरकार के निर्देश के बावजूद इन मीटरों की सटीकता जांचने के लिए पांच फीसदी घरों में चेक मीटर लगाने की प्रक्रिया प्रभावी ढंग से नहीं अपनाई जा रही है।
प्रदेश में अब तक कुल 32.46 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं, जिनमें लगभग 31.99 लाख सिंगल फेस और करीब 42 हजार थ्री फेस मीटर शामिल हैं। वहीं, 4.63 प्रतिशत उपभोक्ताओं के यहां चेक मीटर भी लगाए गए हैं, लेकिन इन चेक मीटरों और स्मार्ट मीटरों के बिलों का तुलनात्मक विश्लेषण अब तक नहीं किया गया है।
स्मार्ट मीटर में तकनीकी गड़बड़ी और जांच की मांग
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के कुछ स्मार्ट मीटरों में भार अचानक बढ़ने (लोड जंपिंग) की शिकायतें सामने आई हैं। इस समस्या को देखते हुए सॉफ्टवेयर में परिवर्तन भी किया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने सभी डिस्कॉम में इन मीटरों की तकनीकी जांच की मांग की है और कहा है कि गड़बड़ियों की उच्चस्तरीय जांच आवश्यक है।
बिजली दर और निजीकरण को लेकर आयोग ने मांगा जवाब
विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों से निजीकरण प्रक्रिया और दर निर्धारण के संबंध में रिपोर्ट तलब की है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की ओर से बिजली दरों में 45 फीसदी तक कटौती की मांग की गई थी, साथ ही यह सुझाव भी दिया गया कि इसे अगले पांच वर्षों में नौ फीसदी की दर से चरणबद्ध तरीके से किया जा सकता है। परिषद ने निजीकरण में गड़बड़ियों के आरोप भी लगाए हैं। नियामक आयोग ने इन सभी बिंदुओं पर बिजली कंपनियों से विस्तृत जवाब मांगा है, जिसे सार्वजनिक भी किया जाएगा।
निजीकरण के आंकड़ों को लेकर कर्मचारियों का विरोध
बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का आरोप है कि पॉवर कॉर्पोरेशन प्रबंधन निजीकरण से जुड़े आंकड़ों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहा है। समिति का कहना है कि ट्रांजेक्शन एडवाइजर कंपनी द्वारा तैयार दस्तावेजों के आधार पर निजीकरण की रूपरेखा तैयार की जा रही है, जो भ्रामक है। मंगलवार को प्रदेश के विभिन्न परियोजना कार्यालयों में समिति के पदाधिकारियों ने निजीकरण प्रस्ताव के खिलाफ प्रदर्शन भी किया।
सांसद डिंपल यादव ने जताई स्मार्ट मीटरों पर आपत्ति
मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव ने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को पत्र लिखकर स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की स्थापना प्रक्रिया पर आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में उपभोक्ताओं की सहमति और पूर्व सूचना के बिना जबरन मीटर बदले जा रहे हैं, जिससे जनता में असंतोष है। मैनपुरी में कुल 2.80 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं, जिनमें से अब तक 58,687 मीटर बदले जा चुके हैं। उन्होंने पारदर्शिता और सहभागिता की कमी का हवाला देते हुए मौजूदा प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।