नई दिल्ली। केंद्र सरकार के मंत्रालय और विभाग जल्द ही कर्तव्य पथ के दोनों ओर तैयार हो रहे अत्याधुनिक कर्तव्य भवनों में स्थानांतरित किए जाएंगे। सेंट्रल विस्टा परियोजना के अंतर्गत निर्मित इन भवनों में से पहला, कर्तव्य भवन-3 पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर 12:15 बजे करेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री शाम 6 बजे कर्तव्य पथ पर एक सार्वजनिक सभा को भी संबोधित करेंगे।
कर्तव्य भवन-3 को एक आधुनिक, पर्यावरण के अनुकूल और तकनीक-सक्षम दफ्तर के रूप में विकसित किया गया है, जिससे अलग-अलग मंत्रालयों को एक ही परिसर में लाकर कामकाज में समन्वय और दक्षता बढ़ाई जा सके। अनुमान है कि इस परियोजना के पूर्ण होते ही सरकार को किराए पर खर्च होने वाले करीब 1500 करोड़ रुपये सालाना की बचत होगी।
भवन की विशेषताएं और उद्देश्य
करीब 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैले इस भवन में दो बेसमेंट और सात मंजिलें (भूतल समेत कुल 10 तल) हैं। इसमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास, एमएसएमई, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और प्रधानमंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय शामिल होगा।
इस अत्याधुनिक परिसर में स्मार्ट एंट्री सिस्टम, आईटी-इनेबल्ड कार्यस्थल, कमांड मॉनिटरिंग सेंटर, सौर ऊर्जा संयंत्र, ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन, अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण प्रणाली और कांच की विशेष खिड़कियां जैसी सुविधाएं शामिल हैं, जो न केवल ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देती हैं बल्कि ध्वनि प्रदूषण को भी कम करती हैं।
ऊर्जा बचत और पर्यावरण के प्रति सजगता
कर्तव्य भवन-3 को 30 फीसदी कम ऊर्जा खपत के लक्ष्य के साथ तैयार किया गया है। इसमें एलईडी लाइटिंग, स्मार्ट लिफ्ट, ऑटोमैटिक लाइट कटऑफ सेंसर और उन्नत बिजली प्रबंधन प्रणाली लगाई गई है, जो इसे ऊर्जा कुशल बनाती हैं।
आगे की योजना और निर्माण की स्थिति
शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को बताया कि कर्तव्य भवन-1 और भवन-2 का काम लगभग पूरा हो चुका है और अगले माह तक ये भी तैयार हो जाएंगे। शेष सात भवनों का निर्माण अप्रैल 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा। इस संपूर्ण परियोजना की अनुमानित लागत करीब 1000 करोड़ रुपये है।
परियोजना के अंतर्गत इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन से एक नई मेट्रो लाइन जोड़ने का भी प्रस्ताव है, जिससे इन भवनों को बेहतर सार्वजनिक परिवहन सुविधा से जोड़ा जा सके।
नॉर्थ और साउथ ब्लॉक का होगा कायाकल्प
कर्तव्य भवनों के पूरा होते ही नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में स्थित मंत्रालयों को नए परिसरों में स्थानांतरित किया जाएगा। इन ऐतिहासिक भवनों को ‘युगे-युगेन भारत संग्रहालय’ में परिवर्तित किया जाएगा, जिसमें प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक युग तक की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और कलात्मक विरासत को दर्शाया जाएगा। यह काम दिसंबर 2031 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित है।
कर्तव्य भवन-3: एक नजर में
- कुल क्षेत्रफल: 1.50 लाख वर्ग मीटर
- भूतल क्षेत्रफल: 40 हजार वर्ग मीटर
- तलों की संख्या: 2 बेसमेंट + 8 तल
- कार पार्किंग क्षमता: 600 गाड़ियाँ
- सुविधाएं: योग कक्ष, क्रेच, मेडिकल रूम, कैफे, मल्टीपरपज हॉल
- कांफ्रेंस हॉल: 24 मुख्य (45 सीट), 26 छोटे (25 सीट), 67 मीटिंग रूम (9 सीट)
- अन्य सुविधाएं: 27 लिफ्ट, सेंट्रल एसी, ऑटोमैटिक सीढ़ियाँ
पुराने भवन होंगे ध्वस्त
जल्द ही कृषि भवन, शास्त्री भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन को ध्वस्त कर दिया जाएगा। इनमें कार्यरत मंत्रालयों को अस्थायी रूप से किराये के भवनों में स्थानांतरित किया जा रहा है, और जैसे-जैसे नए कर्तव्य भवन तैयार होंगे, इन्हें वहां स्थायी रूप से शिफ्ट किया जाएगा।