भारी बारिश से हिमाचल में जनजीवन प्रभावित, सैकड़ों सड़कें बंद, स्कूलों में छुट्टी

हिमाचल प्रदेश में रातभर हुई मूसलाधार बारिश के चलते सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई क्षेत्रों में भूस्खलन और जलभराव से हालात बिगड़ गए हैं। सोलन जिले के मानपुरा के मानकपुर क्षेत्र में तेज बारिश के कारण एक पुल बह गया, जिससे दवनी और वर्धमान औद्योगिक क्षेत्रों तक आवाजाही अब वैकल्पिक मार्गों से हो रही है। राज्य में 617 सड़कों के साथ 4 नेशनल हाईवे यातायात के लिए बंद हो गए हैं। साथ ही, 1,491 बिजली ट्रांसफार्मर और 265 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हुई हैं।

शैक्षणिक संस्थान बंद, प्रशासन ने जारी की चेतावनी

लगातार बारिश को देखते हुए शिमला के कई निजी स्कूलों समेत ठियोग, चौपाल, कुमारसैन, आनी और निरमंड उपमंडल में शिक्षण संस्थान बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। इन क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका के मद्देनज़र यह कदम उठाया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम को देखते हुए अनावश्यक यात्रा से बचें और आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।

निरमंड में नुकसान, सात दुकानें और पांच वाहन मलबे में दबे

निरमंड के उर्टू क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण भूस्खलन हुआ, जिससे पांच गाड़ियां मलबे में दब गईं और सात दुकानों को नुकसान पहुंचा है। सड़क बंद होने से यातायात भी बाधित है। किन्नौर में किन्नौर कैलाश यात्रा मार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुआ है, जहां फंसे यात्रियों को प्रशासन ने देर रात सुरक्षित निकाला। निगुलसरी में एनएच-5 भी भूस्खलन की चपेट में आ गया।

कालका-शिमला हाईवे बाधित, सड़कों पर जाम

चक्कीमोड़ के पास कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर भारी भूस्खलन से मलबा सड़क पर आ गया, जिससे लंबा जाम लग गया। लगातार पत्थर गिरने से रास्ता खोलने में बाधा आ रही है। सोलन में भी कई सड़कों पर यातायात ठप है और स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी घोषित की गई है।

शिमला में पेड़ गिरने से हादसे टले

राजधानी शिमला में विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन और पेड़ों के गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। संजौली और छोटा शिमला के पास एक बड़ा पेड़ गिरने से सड़क कुछ समय के लिए अवरुद्ध हुई, हालांकि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।

12 अगस्त तक भारी बारिश का पूर्वानुमान

मौसम विभाग ने 12 अगस्त तक प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना जताई है। कसौली में 145 मिमी, धर्मपुर में 122.8 मिमी और गोहर में 120 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। कई क्षेत्रों में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।

चंबा में चट्टानें लुढ़कीं, 12 परिवारों को किया गया शिफ्ट

चंबा जिले की बघेईगढ़ पंचायत के कंगेला गांव में पहाड़ी दरकने से खतरा बढ़ गया। हालांकि एक बड़ी चट्टान ने दिशा बदल ली जिससे बड़ा हादसा टल गया। प्रशासन ने एहतियातन 12 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया।

मानसून में अब तक 2,033 घर-दुकानों को नुकसान, 194 की जान गई

20 जून से 5 अगस्त तक की अवधि में भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं में 194 लोगों की मौत हुई है, जबकि 301 घायल और 36 लोग लापता हैं। 2,033 मकान-दुकानें और 1,610 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। कुल क्षति का अनुमान 1,85,252 लाख रुपये से अधिक बताया गया है।

मंडी-कुल्लू मार्ग पर यात्री फंसे, टैंकर पर गिरे पत्थर

एनएच-3 पर मंडी और कुल्लू के बीच रात 8 बजे भारी भूस्खलन से यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। दवाड़ा फ्लाईओवर के पास खड़े एक तेल टैंकर पर चट्टान गिरने से स्थिति और बिगड़ गई। यात्रियों को रातभर गाड़ियों में ही गुजारना पड़ा। सुबह से राहत कार्य शुरू कर दिया गया है और मंडी से पंडोह तक रास्ता आंशिक रूप से खोला गया है।

ऊना-हमीरपुर मार्ग भी बंद

बड़सर-पीपलू मार्ग पर भारी बारिश से रच्छोह गांव के पास भूस्खलन हुआ, जिससे यह मुख्य सड़क बंद हो गई। रोजाना सैकड़ों लोग इस मार्ग का उपयोग करते हैं। मलबा हटाने के प्रयास जारी हैं।

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