प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर ‘कर्तव्य भवन-3’ का उद्घाटन किया। यह इमारत कई केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों को एक ही स्थान पर लाकर कार्यक्षमता, नवाचार और समन्वय को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें गृह, विदेश, ग्रामीण विकास, एमएसएमई, डीओपीटी, पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालयों और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय स्थानांतरित किया जाएगा।
सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा
कर्तव्य भवन-3 सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना का हिस्सा है, जिसके तहत कुल 10 अत्याधुनिक भवनों का निर्माण होना है। परियोजना के पूर्ण होने पर लगभग 1500 करोड़ रुपये के वार्षिक किराये की बचत होगी। प्रधानमंत्री ने उद्घाटन के बाद कर्तव्य पथ पर एक जनसभा को भी संबोधित किया।
इमारत की विशेषताएं
करीब 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली यह अत्याधुनिक संरचना दो बेसमेंट और सात मंजिलों वाली है। इसमें आईटी-सक्षम कार्यस्थल, स्मार्ट एंट्री, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी केंद्र, सौर ऊर्जा संयंत्र, ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन, अपशिष्ट प्रबंधन और ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण की आधुनिक व्यवस्थाएं हैं। खास बात यह है कि यह भवन 30% कम ऊर्जा खपत करने में सक्षम है।
जल्द तैयार होंगे अन्य भवन
शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जानकारी दी कि अगले माह तक कर्तव्य भवन-1 और भवन-2 भी पूरा हो जाएगा। शेष सात भवनों का निर्माण अप्रैल 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है। पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग 1000 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है।
पुराने भवनों का होगा पुनः उपयोग
कर्तव्य भवनों के तैयार होने पर नार्थ और साउथ ब्लॉक में स्थित मंत्रालयों को वहां से हटाकर इन भवनों में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके बाद दोनों ब्लॉक को ‘भारत संग्रहालय’ के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें प्राचीन काल से लेकर आधुनिक भारत तक की कला, इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित किया जाएगा।
कर्तव्य भवन-3 की प्रमुख जानकारियां:
- कुल क्षेत्रफल: 1.50 लाख वर्ग मीटर
- तल: दो बेसमेंट समेत कुल 10 मंजिलें
- पार्किंग: 600 कारों की क्षमता
- कॉन्फ्रेंस हॉल: 24 बड़े, 26 छोटे
- बैठक कक्ष: 67, प्रत्येक में 9 सीटें
- लिफ्ट: 27, स्वचालित सीढ़ियां: 2
- अन्य सुविधाएं: योग कक्ष, क्रेच, मेडिकल रूम, कैफे, मल्टीपरपज हॉल
पुराने भवन होंगे ध्वस्त
कर्तव्य भवनों के तैयार होते ही कृषि, उद्योग, शास्त्री और निर्माण भवन को चरणबद्ध तरीके से तोड़ा जाएगा। संबंधित मंत्रालयों को अस्थायी रूप से किराये की इमारतों में शिफ्ट किया जा रहा है। निर्माण पूर्ण होते ही सभी मंत्रालय स्थायी रूप से नए भवनों में स्थानांतरित होंगे।
आगे क्या है योजना में
सरकार ने पहले ही नया संसद भवन और उपराष्ट्रपति एन्क्लेव पूरा कर लिया है। विजय चौक से इंडिया गेट तक फैले कर्तव्य पथ का भी पुनर्विकास हो चुका है। परियोजना के अगले चरण में प्रधानमंत्री कार्यालय, कैबिनेट सचिवालय और पीएम आवास का निर्माण शामिल है, जिसे दिसंबर 2031 तक पूरा किया जाएगा।