उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य तेज़ी से जारी हैं। राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र की एजेंसियां भी प्रभावित इलाकों में पूरी तत्परता के साथ मोर्चा संभाले हुए हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौसम की विषम परिस्थितियों के बीच आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री ने मौके पर राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी प्रभावितों तक राहत सामग्री समय से पहुंचे और किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो। उन्होंने बताया कि दो हेलीकॉप्टरों की मदद से धराली में आवश्यक खाद्य और राहत सामग्री पहुंचाई गई है और सरकार की प्राथमिकता सामान्य स्थिति को यथाशीघ्र बहाल करना है।
प्रधानमंत्री ने ली जानकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार सुबह मुख्यमंत्री धामी से टेलीफोन पर बातचीत कर आपदा की स्थिति और राहत कार्यों की अद्यतन जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार पूरी गंभीरता से राहत अभियान में जुटी है।
हेलीकॉप्टर और सेना की तैनाती
राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र द्वारा चंडीगढ़, सरसावा और आगरा से दो चिनूक और दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर भेजे गए। चिनूक हेलीकॉप्टरों से भारी मशीनरी धराली पहुंचाई जा रही है ताकि सड़क मार्गों को शीघ्र बहाल किया जा सके। राहत कार्यों में सेना के 125 जवान, आईटीबीपी के 83 अधिकारी और जवान, बीआरओ के 6 अधिकारी और 100 से अधिक श्रमिक जुटे हुए हैं।
स्वास्थ्य सुविधाएं सुदृढ़
आपदा में घायल लोगों के इलाज के लिए दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में विशेष बेड आरक्षित किए गए हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों और मनोचिकित्सकों की टीमें भी उत्तरकाशी भेजी गई हैं ताकि शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर पीड़ितों को सहायता दी जा सके।
राहत शिविर और बुनियादी सेवाएं बहाल करने के प्रयास
प्रशासन ने हर्षिल इंटर कॉलेज, जीएमवीएन और झाला क्षेत्र में राहत शिविर स्थापित किए हैं। बिजली और संचार सुविधाएं बहाल करने के प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं। लिम्चागाड में अस्थायी पुल के निर्माण में एनआईएम और एसडीआरएफ की टीमें जुटी हैं। इसके अलावा राज्य सरकार ने मंगलवार को ही तीन आईएएस, दो आईजी और तीन एसएसपी स्तर के अधिकारियों को समन्वय के लिए उत्तरकाशी भेजा है।