मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को बरेली मंडल के चार जिलों—बरेली, पीलीभीत, बदायूं और शाहजहांपुर—की विकास परियोजनाओं की गहन समीक्षा की। इस दौरान सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर महत्वपूर्ण योजनाओं को मंजूरी दी गई।
बैठक में कैंट क्षेत्र के विधायक संजीव अग्रवाल के सुझाव पर वाई-शेप में सेटेलाइट फ्लाईओवर के निर्माण और पीलीभीत बाईपास को फोरलेन में बदलने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही बहुप्रतीक्षित नाथ गलियारा योजना को गति देने और सुभाषनगर अंडरपास को प्राथमिकता सूची में शामिल करने के निर्देश दिए गए, जिससे शहर के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों के बीच बेहतर संपर्क स्थापित हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने हरूनगला से नागदेवता मंदिर तक नई सड़क निर्माण की योजना को भी मंजूरी दी, जो धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी।
विधायकों से संवाद और स्पष्ट निर्देश
मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों से उनके क्षेत्रों की प्रमुख समस्याओं और विकास आवश्यकताओं के बारे में सीधे संवाद किया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसी भी योजना का प्रस्ताव तैयार करने से पहले स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सलाह-मशविरा जरूरी है।
नवाबगंज विधायक डॉ. एमपी आर्य ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पहले से भेजे गए विकास प्रस्तावों की भी समीक्षा की और संबंधित विभागों को निर्माण कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने खास तौर पर कहा कि इंटरस्टेट कनेक्टिविटी से जुड़ी सभी योजनाएं पहले चरण में विधायकों की अनुशंसा के आधार पर तैयार की जाएं। नगर विकास विभाग को निर्देशित किया गया कि सभी परियोजनाओं की योजना स्थानीय जनप्रतिनिधियों के मार्गदर्शन से ही बनाई जाए।
“लक्ष्य केवल योजना बनाना नहीं, क्रियान्वयन भी ज़रूरी” — मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाएं केवल कागज़ों पर नहीं रहनी चाहिए, बल्कि उनका समयबद्ध और प्रभावी क्रियान्वयन भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि क्षेत्रीय अनुभवों और जनप्रतिनिधियों के इनपुट्स को नीतिगत निर्णयों का आधार बनाएं। शासन की प्राथमिकता योजनाओं को ज़मीनी हकीकत में तब्दील करना है, जिसके लिए जवाबदेही भी तय की जाएगी।
उन्होंने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता न करने की बात कही और तकनीक के प्रभावी उपयोग पर बल दिया।
बैठक में शामिल रहे ये प्रमुख जनप्रतिनिधि और अधिकारी
समीक्षा बैठक में राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, मंडल प्रभारी मंत्री जेपीएस राठौर, पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह, राज्यमंत्री संजय गंगवार, सांसद छत्रपाल गंगवार सहित विभिन्न विधायक, मेयर, एमएलसी और जिला पंचायत अध्यक्ष मौजूद रहे। प्रशासनिक स्तर पर एडीजी रमित शर्मा, कमिश्नर सौम्या अग्रवाल, डीआईजी अजय साहनी, डीएम अविनाश सिंह, एसएसपी अनुराग आर्य सहित संबंधित विभागों के अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।