चमोली/गोपेश्वर। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुधवार को एक बार फिर यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, जब ज्योतिर्मठ से लगभग एक किलोमीटर पहले जोगीधारा के पास चट्टानों से विशाल बोल्डर गिरकर हाईवे पर आ गए। घटना के वक्त बारिश नहीं हो रही थी, लेकिन बोल्डर गिरने से मार्ग अवरुद्ध हो गया, जिससे दोनों ओर करीब 500 तीर्थयात्री और स्थानीय लोग फंस गए।
इससे पहले मंगलवार को भनैरपाणी, पागलनाला और कंचनगंगा के पास भारी मलबा आने से हाईवे दोपहर तीन बजे बंद हो गया था। तेज बारिश के कारण मलबा हटाने में देरी हुई और करीब 20 घंटे बाद बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे मार्ग को आंशिक रूप से खोल दिया गया। इसके बाद अलग-अलग पड़ावों पर रुके लगभग 950 तीर्थयात्रियों को उनके गंतव्य के लिए रवाना किया गया। फिलहाल मार्ग सुचारु है, लेकिन बारिश की स्थिति में पुनः अवरोध की आशंका बनी हुई है।
चमोली के उपजिलाधिकारी आर.के. पांडेय ने बताया कि पीपलकोटी और बदरीनाथ क्षेत्र में रोके गए तीर्थयात्रियों को सुरक्षित आगे भेज दिया गया है।
भारी बारिश से ग्रामीण इलाकों में हालात बिगड़े
लगातार दो दिनों की वर्षा के कारण जिले में 18 ग्रामीण संपर्क मोटरमार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। दशोली और नंदानगर ब्लॉक सबसे अधिक प्रभावित हैं। निजमुला घाटी की निजमुला-पाणा-ईराणी सड़क कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई है। ग्रामीणों के अनुसार, दुकानों में आवश्यक वस्तुओं की कमी हो रही है और लोग पीठ पर जरूरी सामान ढोकर ला रहे हैं।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरी सामान की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है और बंद सड़कों को खोलने का कार्य तेजी से जारी है।
पैदल रास्ते भी हुए क्षतिग्रस्त
बारिश के चलते कई स्थानों पर पैदल रास्तों के पुश्ते ढह गए हैं, जिससे आमजन को आवाजाही में कठिनाई हो रही है। गोपेश्वर के राजकीय इंटर कॉलेज की दीवार गिरकर रास्ते में फैल गई, जिससे लोगों को पत्थरों के ऊपर से होकर गुजरना पड़ा। वहीं, ज्योतिर्मठ नगर में नृसिंह मंदिर को जोड़ने वाला पैदल मार्ग भी टूट गया है। स्थानीय सभासद दीपक शाह ने बताया कि कुछ दिन पूर्व ही इस मार्ग में दरारें आई थीं, जो लगातार बारिश के चलते पूरी तरह ध्वस्त हो गया है।