नगर पालिका में फर्जी सर्टिफिकेट का खेल, टैक्स विभाग पर लगे गंभीर आरोप

मुजफ्फरनगर। नगर पालिका परिषद के टैक्स विभाग में एक बार फिर कथित फर्जीवाड़े का मामला उजागर हुआ है। खालापार क्षेत्र स्थित एक निजी संपत्ति को लेकर विवाद उस समय गहरा गया जब संपत्ति स्वामी ने बुधवार को पालिका कार्यालय पहुंचकर अपने परिजनों व समर्थकों के साथ जमकर हंगामा किया। उन्होंने विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों पर फर्जी किरायेदारी प्रमाण पत्र जारी करने का गंभीर आरोप लगाया।

विवाद की जड़ एक मकान है, जो पालिका में निजी संपत्ति के रूप में दर्ज है। आरोप है कि बिना किसी वैध दस्तावेज और रिकॉर्ड के, टैक्स विभाग ने किसी अन्य व्यक्ति के नाम किरायेदारी प्रमाण पत्र जारी कर दिया। संपत्ति मालिक का दावा है कि उनके भवन में किसी प्रकार की किरायेदारी न तो मौखिक रूप से है और न ही पालिका रिकॉर्ड में दर्ज है। इसके बावजूद विभागीय मिलीभगत से यह फर्जी दस्तावेज तैयार किया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, उक्त किरायेदारी प्रमाणपत्र के आधार पर दूसरे व्यक्ति ने कोर्ट में मालिकाना हक का दावा भी कर दिया है, जिससे संपत्ति स्वामी को कानूनी संकट का सामना करना पड़ रहा है।

ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने मामले की गंभीरता को स्वीकारते हुए कहा कि पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जांच में संदिग्ध कर्मचारी की भूमिका उजागर

विवाद की जांच के दौरान टैक्स विभाग के एक लिपिक और एक अन्य कर्मचारी की भूमिका पर संदेह गहराता जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, डिस्पैच रजिस्टर में जिस प्रमाणपत्र की एंट्री हुई है, उसमें तैनात महिला कर्मी के बजाय एक चर्चित पुरुष कर्मचारी की राइटिंग पाई गई है। इन दोनों कर्मचारियों पर पूर्व में भी फर्जी दस्तावेज तैयार करने और हस्ताक्षर की अनियमितताओं जैसे आरोप लग चुके हैं।

फिलहाल, नगर पालिका प्रशासन ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह देखना अब अहम होगा कि जिम्मेदार कर्मचारियों के विरुद्ध क्या दंडात्मक कार्रवाई होती है।

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