प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी क्षेत्र से जुड़े लोगों के हितों की अनदेखी नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि यदि इन वर्गों के हितों की रक्षा के लिए उन्हें व्यक्तिगत तौर पर कोई भी कीमत चुकानी पड़े, तो वे इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं। पीएम मोदी यह बात कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन की जन्म शताब्दी के मौके पर आयोजित तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान बोल रहे थे।
‘देश के किसानों का हित सर्वोपरि’
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “हमारे किसानों, पशुपालकों और मछुआरों की भलाई हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। भारत इनके हितों पर कभी समझौता नहीं करेगा। मुझे मालूम है कि इसके लिए व्यक्तिगत स्तर पर मुझे भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है, फिर भी मैं इसके लिए तैयार हूं। देश के इन मेहनतकश लोगों के लिए भारत कोई भी फैसला लेने से पीछे नहीं हटेगा।”
व्यापारिक तनाव के बीच बयान को माना जा रहा अहम
अमेरिका के साथ व्यापारिक मतभेदों के बीच प्रधानमंत्री का यह बयान खासा अहम माना जा रहा है। अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले कुछ कृषि उत्पादों पर 50 फीसदी तक का टैरिफ लगाने की घोषणा की है—जिसमें 25 फीसदी शुल्क 7 अगस्त से और शेष 25 फीसदी 27 अगस्त से लागू किया जाना है। भारत ने इस कदम को अनुचित ठहराते हुए कहा है कि इससे देश के किसानों को नुकसान होगा। ऐसे में प्रधानमंत्री की ओर से आया यह बयान सरकार की किसान-समर्थक नीति को रेखांकित करता है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी क्षेत्र से जुड़े लोगों के हितों की अनदेखी नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि यदि इन वर्गों के हितों की रक्षा के लिए उन्हें व्यक्तिगत तौर पर कोई भी कीमत चुकानी पड़े, तो वे इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं। पीएम मोदी यह बात कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन की जन्म शताब्दी के मौके पर आयोजित तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान बोल रहे थे।
‘देश के किसानों का हित सर्वोपरि’
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “हमारे किसानों, पशुपालकों और मछुआरों की भलाई हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। भारत इनके हितों पर कभी समझौता नहीं करेगा। मुझे मालूम है कि इसके लिए व्यक्तिगत स्तर पर मुझे भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है, फिर भी मैं इसके लिए तैयार हूं। देश के इन मेहनतकश लोगों के लिए भारत कोई भी फैसला लेने से पीछे नहीं हटेगा।”
व्यापारिक तनाव के बीच बयान को माना जा रहा अहम
अमेरिका के साथ व्यापारिक मतभेदों के बीच प्रधानमंत्री का यह बयान खासा अहम माना जा रहा है। अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले कुछ कृषि उत्पादों पर 50 फीसदी तक का टैरिफ लगाने की घोषणा की है—जिसमें 25 फीसदी शुल्क 7 अगस्त से और शेष 25 फीसदी 27 अगस्त से लागू किया जाना है। भारत ने इस कदम को अनुचित ठहराते हुए कहा है कि इससे देश के किसानों को नुकसान होगा। ऐसे में प्रधानमंत्री की ओर से आया यह बयान सरकार की किसान-समर्थक नीति को रेखांकित करता है।