उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में आपदा के तीसरे दिन मौसम खुलते ही राहत और बचाव कार्यों ने रफ्तार पकड़ ली है। चिनूक और एमआई-17 सहित कुल आठ हेलिकॉप्टरों की मदद से फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। वायु सेना के चिनूक हेलिकॉप्टर के ज़रिए भारी मशीनरी हर्षिल भेजी गई, जबकि नेलांग, हर्षिल और मतली में फंसे कुल 657 लोगों को हेलिकॉप्टरों से सुरक्षित निकाला गया।
भटवाड़ी के पास गंगोत्री नेशनल हाईवे के 100 मीटर क्षतिग्रस्त हिस्से को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया गया है, लेकिन आगे एक पुल पूरी तरह टूट गया है, जिससे सामान्य आवाजाही फिलहाल संभव नहीं है। ऐसे में राहत कार्यों के लिए फिलहाल हवाई मार्ग ही एकमात्र विकल्प बना हुआ है।
राहत कार्यों में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राजपूताना राइफल्स और सेना की विशेष इकाइयाँ लगातार जुटी हैं। चिनूक हेलिकॉप्टरों से जौलीग्रांट एयरपोर्ट से जेसीबी, डोजर, जनरेटर और अन्य उपकरण चिन्यालीसौड़ लाए गए, जिन्हें हर्षिल में तैनात किया जा रहा है। इसके साथ ही 2500 फूड पैकेट भी प्रभावित क्षेत्र में भेजे गए हैं।
अब तक गंगोत्री से हर्षिल 274, नेलांग से 19, हर्षिल से मातली 252 और हर्षिल से जौलीग्रांट 112 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। इन लोगों में उत्तराखंड के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, कर्नाटक, तेलंगाना और पंजाब के यात्री शामिल हैं।
सीएम और आईएएस अफसरों का वेतन सहयोग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा राहत कार्यों के लिए अपने एक माह का वेतन देने की घोषणा की है। साथ ही उत्तराखंड आईएएस एसोसिएशन ने भी आपदा पीड़ितों के लिए एक दिन का वेतन देने का निर्णय लिया है।
पर्यटन पर दिखा आपदा का असर, बुकिंग में भारी गिरावट
धराली में आपदा का असर राज्य के पर्यटन पर भी दिखने लगा है। बड़ी संख्या में पर्यटक अपनी पहले से की गई बुकिंग रद्द करा रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस, जन्माष्टमी और रविवार को लेकर आगामी सप्ताह में पर्यटकों की भारी भीड़ की संभावना थी, लेकिन आपदा के बाद 25 से 30 प्रतिशत बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं। होटल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप साहनी ने बताया कि नई बुकिंग में भी कमी आई है।