उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें शिक्षा, जल आपूर्ति, औद्योगिक नीतियों और आर्थिक विकास से जुड़े कई अहम प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। बैठक में कुल 19 प्रस्तावों को मंजूरी मिली। इनमें निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना और होनहार विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना प्रमुख हैं। इस बैठक में कैबिनेट के सभी मंत्री व राज्यमंत्री शामिल रहे।
बैठक के दौरान राज्य में बाढ़ की स्थिति को लेकर भी विमर्श किया गया। सरकार ने ब्रिटेन की ‘द फॉरेन कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस’ (FCDO) के सहयोग से भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी-चिवनिंग छात्रवृत्ति योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के अंतर्गत हर वर्ष राज्य के पांच प्रतिभाशाली छात्रों को यूनाइटेड किंगडम के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में मास्टर्स डिग्री की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। योजना के तहत प्रति छात्र लगभग 38,000 से 42,000 पाउंड का खर्च आएगा, जिसमें आधा व्यय राज्य सरकार और शेष राशि FCDO द्वारा負वहन की जाएगी।
कैबिनेट बैठक में लिए गए कुछ प्रमुख निर्णय:
- केजीएमयू लखनऊ की कार्यपरिषद में अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से क्रमशः एक-एक सदस्य को वरिष्ठता के आधार पर शामिल करने का प्रस्ताव स्वीकृत।
- राजकीय नलकूपों का पुनर्निर्माण: प्रदेश के 62 जिलों में 1.5 क्यूसेक क्षमता वाले 1,750 असफल नलकूपों को दोबारा निर्माण हेतु नाबार्ड सहायता प्राप्त परियोजना को मंजूरी। इससे लगभग 2.4 लाख लघु एवं सीमांत किसानों को लाभ मिलेगा।
- FRBM अधिनियम में संशोधन प्रस्ताव को वित्त विभाग के अंतर्गत स्वीकृति प्रदान की गई।
उच्च शिक्षा से जुड़े निर्णय:
- मुजफ्फरनगर में वेदांता विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु आशय पत्र जारी करने को मंजूरी।
- बाराबंकी स्थित बोधिसत्व विश्वविद्यालय और मथुरा के के.डी. विश्वविद्यालय को प्राधिकरण पत्र जारी करने का निर्णय।
- अटल बिहारी वाजपेयी-चिवनिंग छात्रवृत्ति योजना को सरकार द्वारा औपचारिक स्वीकृति।
एमएसएमई क्षेत्र में दो नई नीतियाँ स्वीकृत:
- उत्तर प्रदेश फुटवेयर, लेदर और नॉन-लेदर उद्योग विकास नीति 2025
- यूपी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम औद्योगिक स्थान प्रबंधन नीति