दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के चलते राजधानी में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। शुक्रवार, 7 अगस्त की सुबह नदी का स्तर चेतावनी सीमा से ऊपर पहुंचा, जिससे घाट क्षेत्रों में पानी फैलने लगा है और प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
अधिकारियों के अनुसार संभावित बाढ़ से निपटने के लिए सभी संबंधित एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए यमुना किनारे बसे इलाकों में चेतावनी जारी की जा रही है। मौसम विभाग का अनुमान है कि फिलहाल बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।
खतरे के निशान के पार पहुंचा जलस्तर
पूर्वी दिल्ली जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय के बुलेटिन के मुताबिक, गुरुवार शाम 5 बजे हथिनीकुंड बैराज पर पानी का प्रवाह 32,640 क्यूसेक और वजीराबाद बैराज पर 46,290 क्यूसेक दर्ज किया गया। यहां चेतावनी स्तर 204.5 मीटर, खतरे का निशान 205.33 मीटर और निकासी स्तर 206 मीटर है। पुराना रेलवे पुल यमुना के प्रवाह और संभावित बाढ़ पर नजर रखने का प्रमुख बिंदु बना हुआ है।
हथिनीकुंड बैराज से बड़े पैमाने पर पानी का बहाव
केंद्रीय बाढ़ प्रबंधन प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि जलस्तर बढ़ने की मुख्य वजह हथिनीकुंड बैराज से लगातार छोड़ा जा रहा पानी है। इस मानसून में पहली बार यहां से 50,000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया, जो शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे 61,000 क्यूसेक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। वर्तमान में हर घंटे 40,000 से 50,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे यमुना का स्तर और बढ़ रहा है।
स्थिति फिलहाल नियंत्रण में
अधिकारियों का कहना है कि बैराज से छोड़ा गया पानी दिल्ली पहुंचने में औसतन 48–50 घंटे लेता है। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के मंत्री प्रवेश वर्मा ने गुरुवार को इंद्रप्रस्थ एस्टेट के पास निरीक्षण के दौरान बताया कि इस मौसम में जलस्तर का बढ़ना सामान्य है, लेकिन विभाग पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने कहा कि इस बार आईटीओ बैराज के सभी गेट खुले हैं, जिससे पानी का प्रवाह बाधित नहीं हो रहा है। 2023 के विपरीत, कोई भी गेट बंद नहीं है, इसलिए फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।