सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस प्रशांत कुमार से जुड़े अपने पूर्व आदेश में संशोधन किया है। पहले शीर्ष अदालत ने उन्हें आपराधिक मामलों की सुनवाई से रोक दिया था, लेकिन अब यह रोक हटा ली गई है।
मामला 4 अगस्त का है, जब एक सिविल विवाद से जुड़े प्रकरण में आपराधिक कार्रवाई करने पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए जस्टिस प्रशांत कुमार के रोस्टर से आपराधिक मामले हटा दिए थे। साथ ही निर्देश दिया था कि वे केवल वरिष्ठ न्यायाधीशों के साथ खंडपीठ में बैठें। यह फैसला जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने सुनाया था।
विवाद उस समय उठा था, जब जस्टिस प्रशांत कुमार ने एक कंपनी के खिलाफ मजिस्ट्रेट द्वारा जारी समन रद्द करने से इनकार कर दिया था। कंपनी पर व्यावसायिक लेनदेन में बकाया राशि न चुकाने का आरोप था। इस निर्णय पर आपत्ति जताई गई और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। बाद में मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई के अनुरोध पर संबंधित पीठ ने अपना पूर्व आदेश वापस ले लिया।