ट्रंप के फैसले से फिर उछले सोने के दाम, 10,000 रुपए तक महंगा हो सकता है गोल्ड

अमेरिकी सरकार ने एक किलो और 100 औंस के गोल्ड बार्स पर शुल्क लगाना शुरू कर दिया है. फ़ाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस फैसले से लंबे समय से चले आ रहे ट्रेड रूट प्रभावित हो सकते हैं और स्विट्ज़रलैंड से अमेरिका में सोने-चांदी का प्रवाह बाधित हो सकता है. अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा (सीबीपी) के 31 जुलाई के फैसले के अनुसार, ये गोल्ड बार्स अब कैटेगिरी कोड 7108.13.5500 के अंतर्गत आएंगी, जिस पर शुल्क लागू होता है. इस रीकैटेगराइजेशन से उन पिछली उम्मीदों पर पानी फिर गया है कि ऐसे इंपोर्ट को कोड 7108.12.10 के तहत छूट मिलेगी. जो गोल्ड बार्स की एकमात्र ऐसी कैटेगिरी है जिस पर वर्तमान में कोई टैक्स नहीं लगता है.

इस बदलाव की सबसे पहले रिपोर्ट फ़ाइनेंशियल टाइम्स ने दी थी, और इसका सबसे ज़्यादा असर स्विट्ज़रलैंड पर पड़ने की उम्मीद है. यह दुनिया का सबसे बड़ा स्वर्ण रिफाइनिंग हब और अमेरिका को सोने-चांदी का एक प्रमुख सप्लायर है. जानकारों की मानें तो इस खबर के बाद अगले एक महीने में गोल्ड की कीमतों में 100 से 150 डॉलर प्रति ओंस की तेजी देखने को मिल सकती है. वहीं भारत के वायदा बाजार में 10 हजार रुपए तक की तेजी देखने को मिल सकती है. वैसे इंटरनेशनल मार्केट में सोने के दाम में इजाफा देखने को मिल चुका है और कॉमेक्स मार्केट में गोल्ड के दाम रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए हैं. आइए आपको भी इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.

स्विट्जरलैंड को टैरिफ का बड़ा झटका

वाशिंगटन और बर्न के बीच संबंध हाल ही में बिगड़े हैं. पिछले हफ्ते ही, अमेरिका ने स्विट्जरलैंड से होने वाले सभी आयातों पर 39 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी. इसमें सोना भी शामिल है, जो अमेरिकी बाज़ार में स्विट्जरलैंड का सबसे बड़ा निर्यात है. जून तक के 12 महीनों में, स्विट्जरलैंड ने अमेरिका को 61.5 अरब डॉलर की वैल्यू का गोल्ड एक्सपोर्ट किया. नई टैरिफ दर के तहत, इस मात्रा पर अब लगभग 24 अरब डॉलर का अतिरिक्त शुल्क लगेगा.

जैसा कि एफटी को बताया गया, स्विस एसोसिएशन ऑफ मैन्युफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स ऑफ प्रेशियस मेटल्स के अध्यक्ष क्रिस्टोफ वाइल्ड ने इस फैसले को अमेरिका के साथ स्विट्जरलैंड के सोने के व्यापार के लिए “एक और झटका” बताया. वाइल्ड ने कहा कि प्रचलित राय यह थी कि स्विस रिफाइनरीज द्वारा पुनः पिघलाई गई और अमेरिका को निर्यात की जाने वाली कीमती धातुओं को टैरिफ-मुक्त भेजा जा सकता है. हालांकि, विभिन्न स्वर्ण उत्पादों के लिए कस्टम कोड वर्गीकरण हमेशा सटीक नहीं होता है.

अनिश्चितता के कारण रिफाइनरीज पीछे हट रही हैं

सीबीपी का यह फैसला एक स्विस रिफाइनरी द्वारा सोने के कैटेगिरी पर स्पष्टता की मांग के औपचारिक अनुरोध के बाद आया है. एजेंसी के जवाब में व्याख्या की गुंजाइश कम ही है, क्योंकि एक किलो और 100 औंस के बार अब टैक्सेबल हैं. इस स्थिति को देखते हुए, कुछ स्विस रिफाइनरीज ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं.

दो रिफाइनरी ने फाइनेंशियल टाइम्स को बताया कि उन्होंने अमेरिका को शिपमेंट या तो कम कर दिया है या पूरी तरह से बंद कर दिया है. अन्य ने यह तय करने के लिए वकीलों से महीनों तक सलाह-मशविरा किया है कि क्या सोने के किसी भी प्रकार को छूट दी गई है.

कैटेगिरी का मुद्दा तकनीकी लग सकता है, लेकिन इसके व्यावहारिक परिणाम तेजी से सामने आए हैं. सोने का व्यापार गति, निश्चितता और स्पष्ट सीमा शुल्क नियमों पर निर्भर करता है. अब, वह स्पष्टता गायब हो गई है.

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