राज्य सरकार उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए 34 नए नालंदा परिसरों का निर्माण कर रही है। ये परिसर रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई, रायगढ़ जैसे बड़े शहरों के साथ-साथ सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सूरजपुर, बैकुंठपुर, चिरमिरी, कुनकुरी, जशपुर, बलरामपुर और पेंड्रा जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में भी स्थापित किए जा रहे हैं। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने पिछले दो वर्षों में 33 परिसरों के लिए स्वीकृति प्रदान की है।
रायगढ़ में सीएसआर फंड से 700 सीटों वाली अत्याधुनिक सेंट्रल लाइब्रेरी का निर्माण कार्य जारी है, जिसके लिए नगर निगम रायगढ़ और एनटीपीसी के बीच 42 करोड़ 56 लाख रुपये का समझौता हुआ है। यह राज्य का सबसे बड़ा नालंदा परिसर होगा।
ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई की सुविधा
इन आधुनिक लाइब्रेरियों में ऑनलाइन और ऑफलाइन अध्ययन दोनों की सुविधा उपलब्ध होगी। पिछले दो वर्षों में विभाग ने 33 परिसरों के लिए 237 करोड़ 57 लाख 95 हजार रुपये मंजूर किए हैं। चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में 17 नगरीय निकायों में 18 परिसरों के लिए 125 करोड़ 88 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं, जबकि वर्ष 2024-25 में 15 परिसरों के लिए 111 करोड़ 70 लाख रुपये की मंजूरी दी गई थी। इनमें से 11 परियोजनाओं के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर निर्माण एजेंसियों को आदेश जारी किए जा चुके हैं।
11 परिसरों के लिए पहली किस्त जारी
उप मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव की मंजूरी के बाद इस माह 11 परिसरों के निर्माण हेतु 19 करोड़ 14 लाख 87 हजार रुपये की पहली किस्त जारी की गई है। इसमें दुर्ग, राजनांदगांव और अंबिकापुर नगर निगम को प्रत्येक 2 करोड़ 85 लाख 57 हजार रुपये मिले हैं, जबकि बलौदाबाजार, बालोद, बेमेतरा, कवर्धा, कांकेर, जांजगीर और कुनकुरी नगर पंचायत को प्रत्येक 1 करोड़ 10 लाख 37 हजार रुपये मिले हैं। जशपुर नगर पालिका को भी 2 करोड़ 85 लाख 57 हजार रुपये की राशि दी गई है।
500 और 250 सीटर लाइब्रेरी की योजना
राज्य के 10 नगरीय निकायों में 500 सीटों वाली और 22 स्थानों पर 250 सीटों वाली सेंट्रल लाइब्रेरी-सह-रीडिंग जोन बनाने की योजना है। दुर्ग, राजनांदगांव, अंबिकापुर, जगदलपुर, बिलासपुर, भिलाई, जशपुर, लोरमी और गरियाबंद में 500-सीटर लाइब्रेरी बनेंगी, जबकि धमतरी, चिरमिरी, कवर्धा, जांजगीर-नैला, बालोद, बलौदाबाजार, बेमेतरा, कांकेर, नारायणपुर, बलरामपुर, मुंगेली, खैरागढ़, सक्ती, पेंड्रा, सारंगढ़, सूरजपुर, बैकुंठपुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, कुनकुरी, बसना और अंबागढ़-चौकी में 250-सीटर लाइब्रेरी स्थापित होंगी।
राजधानी में पांच सेंट्रल लाइब्रेरी
रायपुर में फिलहाल तीन सेंट्रल लाइब्रेरी-सह-रीडिंग जोन संचालित हैं—एक हजार सीटों वाला नालंदा परिसर-सह-ऑक्सी रीडिंग जोन, 800 सीटों वाला तक्षशिला सेंट्रल लाइब्रेरी-सह-स्मार्ट रीडिंग जोन और 500 सीटों वाला सेंट्रल लाइब्रेरी। जल्द ही दो और लाइब्रेरियां शुरू की जाएंगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि रायपुर का नालंदा परिसर युवाओं की सफलता का उदाहरण है और सरकार राज्य के हर हिस्से में ऐसे अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
युवाओं के लिए मजबूत आधार
उप मुख्यमंत्री अरुण साव के अनुसार, ये लाइब्रेरियां केवल भवन नहीं बल्कि युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की नींव हैं। यहां प्रतियोगी परीक्षाओं और उच्च शिक्षा के इच्छुक विद्यार्थी उत्कृष्ट अध्ययन वातावरण और सामग्री के साथ अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए पूरी तन्मयता से तैयारी कर सकेंगे।