केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इथनॉल के उपयोग से वाहनों को नुकसान होने की चर्चाओं को पूरी तरह गलत ठहराया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह की अफवाहें पेट्रोलियम लॉबी द्वारा फैलाई जा रही हैं। एक कार्यक्रम में गडकरी ने सवाल किया कि क्या 20 प्रतिशत इथनॉल-मिश्रित पेट्रोल से किसी भी वाहन को कोई समस्या हुई है, और किसी का नाम बताने को कहा।
गडकरी ने कहा कि वाहनों में इथनॉल मिश्रित ईंधन को लेकर जो संदेह है, वह पेट्रोलियम लॉबी की साजिश है जो सोशल मीडिया पर फैल रही है। उन्होंने SIAM और ARI जैसी संस्थाओं का हवाला देते हुए बताया कि अब तक किसी भी वाहन को इथनॉल-पेट्रोल से कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
इस मौके पर उन्होंने कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की भी बात कही। गडकरी ने कहा कि 22 लाख करोड़ रुपये के तेल आयात में कटौती होना जरूरी है और दिल्ली-एनसीआर जैसे प्रदूषित इलाकों में इससे राहत मिलेगी। भारत के पास चावल, मक्का और गेहूं की अच्छी पैदावार है, जिनसे इथनॉल बनाया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि मक्का की कीमत 1,200 से बढ़कर 2,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है, जिसका कारण इथनॉल की बढ़ती मांग है।
गडकरी ने कहा कि ऊर्जा और पावर सेक्टर में विविधता लाने से कृषि क्षेत्र का योगदान 12 प्रतिशत से बढ़कर 22 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ लोग अपने हित के लिए विरोध कर सकते हैं, लेकिन सरकारी संस्थाएं सभी चीजों का परीक्षण कर मानक निर्धारित करती हैं।
सड़क निर्माण पर भी गडकरी ने जोर दिया और बताया कि वित्त वर्ष 2026 तक प्रतिदिन 38 किलोमीटर हाईवे बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे बाद में बढ़ाकर 100 किलोमीटर प्रतिदिन करने की योजना है। अब तक 2.5 लाख करोड़ रुपये के हाईवे प्रोजेक्ट मंजूर हो चुके हैं, और इस वित्त वर्ष के अंत तक इसे 10 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य है।
चीन के रेयर अर्थ मेटल्स पर प्रतिबंध को चुनौती मानते हुए गडकरी ने कहा कि सरकार घरेलू लिथियम खनन को तेज करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने बताया कि यदि पर्यावरणीय मंजूरी छह महीने में मिल जाए तो खनन क्षेत्र में तेजी लाई जा सकती है और इसके लिए नीतियों को आसान बनाया जाएगा।