भारत ने 15 अगस्त को अलास्का में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच प्रस्तावित वार्ता का समर्थन किया है। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि यह मुलाकात यूक्रेन में जारी संघर्ष को समाप्त करने और शांति बहाल करने का एक अहम अवसर साबित हो सकती है। मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस संदेश को भी दोहराया कि “यह युद्ध का युग नहीं है” और भारत कूटनीतिक प्रयासों में पूरा सहयोग देने के लिए तैयार है।
बैठक की घोषणा से एक दिन पहले पुतिन ने मोदी से फोन पर बात कर व्यापार, निवेश और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की थी। पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ से हुई अपनी मुलाकात और यूक्रेन के हालात के बारे में भी मोदी को जानकारी दी।
ट्रंप ने ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट कर इस बैठक की पुष्टि की, जो उनके दूसरे कार्यकाल में पुतिन के साथ पहली आधिकारिक मुलाकात होगी। इससे पहले जून 2021 में जो बाइडन और पुतिन जिनेवा में मिले थे। चार साल से जारी यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए अब तक कई कोशिशें हो चुकी हैं, लेकिन निर्णायक नतीजा नहीं निकला है।
इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने चेतावनी दी कि कीव को शामिल किए बिना किसी भी शांति समझौते का कोई अर्थ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यूक्रेन अपनी क्षेत्रीय अखंडता पर समझौता नहीं करेगा और कब्जाई गई जमीन को वापस लेने के लिए प्रतिबद्ध है।