मानसून इन दिनों पहाड़ी इलाकों में कहर बनकर बरस रहा है। लगातार बारिश से प्रदेश में जगह-जगह आपदाजनित हालात बने हुए हैं और कुल 362 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। शनिवार को अधिकारियों ने जानकारी दी कि केवल मंडी जिले में 220 और निकटवर्ती कुल्लू जिले में 91 सड़कें बंद करनी पड़ीं।
कुल्लू-मंडी के बीच भूस्खलन के चलते चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे भी बाधित है, जिससे वाहनों की आवाजाही थम गई है। कुल्लू से मंडी की ओर जाने वाले वाहन बजौरा से पनारसा, नगवाईं, टकोली और औट तक जगह-जगह फंसे हुए हैं। इनमें यात्री वाहनों के साथ फल-सब्जी से लदे ट्रक भी शामिल हैं, जिन्हें मंडियों तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है।
शनिवार शाम तक प्रदेश में 613 बिजली ट्रांसफार्मर और 520 जलापूर्ति योजनाएं ठप रहीं। मंडी जिले में 202 ट्रांसफार्मर और 78 जल योजनाएं बंद हैं, जबकि कुल्लू में 393 ट्रांसफार्मर और 367 जल योजनाएं प्रभावित हैं। ऊना में बारिश से कई जगह जलभराव की स्थिति है।
20 जून से 9 अगस्त के बीच राज्य में बारिश से जुड़े हादसों में 219 लोगों की मौत हो चुकी है, 315 लोग घायल हुए हैं और 37 अब भी लापता हैं। मौसम विभाग ने कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है, जबकि सोमवार से बुधवार तक मूसलाधार बारिश की आशंका के चलते दो से चार जिलों में ऑरेंज अलर्ट रहेगा।
शनिवार को नैना देवी में 112.4 मिमी, पंडोह में 102 मिमी, रायपुर मैदान में 74.6 मिमी, पच्छाद में 67 मिमी, नारकंडा में 66.5 मिमी, कुफरी में 65.7 मिमी, कसौली में 65.5 मिमी, नाहन में 49.3 मिमी और सोलन में 45.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई।