समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह विषय गंभीर चर्चा का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को वोट चोरी के आरोपों की सफाई देनी चाहिए ताकि उसकी विश्वसनीयता और चुनावी पारदर्शिता बनी रहे। अगर जनता का किसी संवैधानिक संस्था पर विश्वास कम हुआ तो इसके नकारात्मक परिणाम होंगे। अखिलेश ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह चुनावी भ्रष्टाचार का गढ़ बन गई है।
अपने बयान में अखिलेश यादव ने कहा कि सबसे अधिक फर्जी मतदाता भाजपा के द्वारा बनवाए गए हैं। भाजपा के चुनावी कारनामे अब सार्वजनिक हो चुके हैं। वे कुछ लोगों के सहयोग से फर्जी मतदाताओं के नाम बढ़ाती है और चुनाव अधिकारियों के साथ मिलकर अपने प्रतिद्वंद्वियों के नाम मतदाता सूची से हटवा देती है। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव में शामिल अपने चयनित अधिकारियों को फर्जी वोट डालने का लक्ष्य देती है। कुंदरकी, मीरापुर और अयोध्या के मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा की ऐसी रणनीतियां सामने आई थीं। सपा ने चुनाव आयोग को मतदाता सूची में गड़बड़ी के 18 हजार एफिडेविट सौंपे थे, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि चुनाव आयोग निष्क्रियता बरत रहा है और इसकी साख जनता के बीच गिरती जा रही है। उन्होंने भविष्य के 2027 चुनाव में भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत से वोटों की हेराफेरी और जबरन वोट चोरी को सफल नहीं होने दिया जाएगा।