वोट चोरी के आरोपों पर हरियाणा में सियासत गर्म, पूर्व सीएम ने चुनाव आयोग को घेरा

हरियाणा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और वोटों की चोरी के आरोपों ने राजनीतिक माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है। इससे पहले भी राज्य में कांग्रेस के नेता ईवीएम में गड़बड़ी का दावा कर चुके हैं। कई कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार भाजपा के दर्जनों विधायकों के खिलाफ हाईकोर्ट में शिकायत कर चुके हैं, जिनकी जांच फिलहाल जारी है।

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 48 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की थी, जबकि कांग्रेस 38 सीटों पर सीमित रही। कांग्रेस को आठ ऐसे विधानसभा क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा जहां जीत-हार का अंतर मात्र कुछ हजार वोटों का था। उचाना कलां सीट पर तो कांग्रेस 32 वोटों से चुनाव हार गई थी।

भाजपा ने राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे लोकप्रियता पाने की कोशिश बताया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि चुनावों के बीच मतदाता संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे मामूली मत अंतर की व्याख्या होती है। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव में 4 लाख से अधिक नए मतदाता जुड़े, जो चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा पर चुनाव प्रक्रिया में धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने मतदान के बाद आए वोटर टर्नआउट आंकड़ों में फेरबदल का जिक्र किया और बताया कि पोस्टल बैलेट में कांग्रेस को भारी बहुमत मिला, जबकि ईवीएम मतगणना में भाजपा विजयी रही। राहुल गांधी ने भी फर्जी वोटर्स के सबूत प्रस्तुत किए हैं और चुनाव आयोग से जवाब मांगा है, लेकिन आयोग की ओर से कार्रवाई न कर शिकायतकर्ताओं को धमकाने का आरोप लगाया गया है।

कई विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा ने कांग्रेस को बेहद कम मतों से हराया है। उचाना में 32 वोट, दादरी में 1,957, असंध में 2,306 और राई में 4,673 वोटों से भाजपा ने जीत दर्ज की है। यह आंकड़े चुनाव की संवेदनशीलता को दर्शाते हैं।

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