अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को घोषणा की कि उन्होंने वॉशिंगटन डी.सी. पुलिस विभाग को संघीय नियंत्रण में ले लिया है और राजधानी की सुरक्षा बढ़ाने के लिए नेशनल गार्ड को तैनात किया जाएगा। ट्रंप ने कहा कि उनका मकसद वॉशिंगटन को ‘आजाद कराना’ और ‘निर्दोष लोगों पर होने वाले हमलों को समाप्त करना’ है। इसके साथ ही उन्होंने बेघर लोगों और बढ़ते अपराधों से निपटने के लिए भी नए कदम उठाने की बात कही, जिस पर शहर की मेयर ने चिंता जताई है कि कहीं नेशनल गार्ड का इस्तेमाल सड़कों पर गश्त के लिए न किया जाए।
लगभग 500 संघीय कानून प्रवर्तन अधिकारी राजधानी में तैनात किए जा रहे हैं, जिनमें 100 से अधिक एफबीआई एजेंट, करीब 40 एजेंट अल्कोहल, तंबाकू, आग्नेयास्त्र और विस्फोटक ब्यूरो (एटीएफ) के, साथ ही ड्रग एनफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (डीईए), इमीग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (आईसीई) और मार्शल सर्विस के अधिकारी भी शामिल हैं।
ट्रंप के इस कदम को अपराध के खिलाफ सख्त नीति का हिस्सा माना जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बेघरपन और अपराध की जड़ों पर कितना असर होगा, यह स्पष्ट नहीं है। वॉशिंगटन डी.सी. की खास स्थिति है क्योंकि यह संघीय जिला है और यहां कांग्रेस का सीधा नियंत्रण होता है, इसलिए संघीय सरकार सीधे कार्रवाई कर सकती है।
इस दौरान ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान सीजफायर का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि टैरिफ ने मदद की है, जिससे न केवल आर्थिक लाभ हुआ बल्कि दुश्मनों पर भी दबाव बढ़ा। उन्होंने बताया कि उन्होंने पांच युद्धों को सुलझाया है, जिनमें भारत-पाकिस्तान और अजरबैजान-आर्मेनिया का विवाद भी शामिल है, जो दशकों से चल रहा था। ट्रंप ने कहा कि रूस समेत कई पक्ष इस समस्या को सुलझाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनकी सरकार ने इसे सफलतापूर्वक हल किया।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से हाल ही में हुई मुलाकात के बारे में ट्रंप ने कहा कि अगर वे अभी राष्ट्रपति होते तो यह युद्ध नहीं होता। उन्होंने इसे जो बाइडन का युद्ध बताया और कहा कि वह पुतिन से बात करेंगे कि यह युद्ध समाप्त होना चाहिए। ट्रंप ने बताया कि पुतिन से उनकी बातचीत सम्मानजनक और रचनात्मक रही और उन्होंने कहा कि भविष्य में जेलेंस्की और पुतिन के बीच बैठक आयोजित कराना चाहते हैं, जिसमें जरूरत पड़ने पर वे स्वयं भी मौजूद रहेंगे।