उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मकबरे के भीतर घुसकर हिंदूवादी संगठनों द्वारा किए गए उपद्रव का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस बीच, फतेहपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश चंद्र उत्तम पटेल ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर भारतीय जनता पार्टी पर जानबूझकर विवाद खड़ा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह मकबरा राष्ट्रीय धरोहर के रूप में दर्ज है। वहीं, मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी इस मुद्दे पर सपा विधायकों ने जोरदार हंगामा किया।
घटना को लेकर फतेहपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस का कहना है कि यह मकबरा फतेहपुर कस्बे में राष्ट्रीय संपत्ति श्रेणी-1 में दर्ज है, जिसे गलत तरीके से मंदिर बताया जा रहा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 11 अगस्त की सुबह लगभग 10 बजे बीजेपी, आरएसएस और अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मकबरे में घुसकर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की और भीतर मौजूद दो मजारों को तोड़कर नुकसान पहुंचाया, जिससे दोनों समुदायों के बीच तनाव का माहौल बन गया। पार्टी ने राष्ट्रपति से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई, मजार की मरम्मत और सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
इसी बीच, प्रदर्शन में शामिल होने पर समाजवादी पार्टी ने अपने नेता पप्पू चौहान को पार्टी से निष्कासित कर दिया। सोशल मीडिया पर उनके नारेबाजी करते और अखिलेश यादव के साथ मंच साझा करते हुए तस्वीरें सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई।
इस प्रकरण में फतेहपुर कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें अभिषेक शुक्ला, धर्मेंद्र सिंह, आशीष त्रिवेदी, पप्पू सिंह चौहान, प्रसून तिवारी, ऋतिक पाल, विनय तिवारी, सभासद पुष्पराज पटेल, अजय सिंह उर्फ रिंकू लोहारी और देवनाथ धाकड़े के नाम शामिल हैं। आरोपियों में पुष्पराज पटेल फतेहपुर जिले में बीजेपी के महामंत्री हैं, जबकि धर्मेंद्र सिंह बजरंग दल के जिला संयोजक हैं।