शाहजहांपुर में खतरे के निशान से ऊपर पहुंची रामगंगा, गंगा में भी उफान

शाहजहांपुर में रामगंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से आठ सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है, जिससे जलालाबाद के कोला घाट से अल्हागंज क्षेत्र तक दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। कई इलाकों में बाढ़ का पानी घरों की चौखट तक पहुंच गया है। वहीं, कलान के भैंसार बांध पर गंगा नदी खतरे के निशान से मात्र दो सेंटीमीटर नीचे बह रही है, जिससे कलान और मिर्जापुर के लगभग बारह गांव टापू में तब्दील हो गए हैं।

अल्हागंज क्षेत्र में रामगंगा की बाढ़ से ठिंगरी, गोरा महुआ, दहेना, सुगसुगी, साईपुर, चौरसिया, रामपुर, वजीरपुर बंजर, बानपुर, भरतौली, रत्नापुर, बेलाखेड़ा, कुंडरी, रमापुर बझेड़ा समेत कई गांव प्रभावित हुए हैं। रमापुर बझेड़ा के ग्रामीण पानी के अंदर आने से जरूरी सामान और पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर रहे हैं।

नदी के किनारे बसे खेतों में पानी भरने से फसलें जलमग्न हो गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। परौर क्षेत्र के नारायणनगर पश्चिमी और मोहनपुर में रामगंगा नदी से भूमि कटान की समस्या उत्पन्न हो गई है। जलालाबाद क्षेत्र के कोला, कसारी खुर्द, कसारी बुजुर्ग, सिठौली, मझरा और रैपुरा जैसे गांव भी पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।

कलान से मिर्जापुर तक के करीब दो दर्जन गांवों में गंगा की बाढ़ के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गंगा के तटवर्ती इस्लामनगर, आजादनगर, कमतरी, चितार आदि गांवों के संपर्क मार्ग पानी में डूब गए हैं। प्रशासन ने बचाव कार्य के लिए मोटरबोट तैनात कर रखी है।

जलालाबाद-शमशाबाद स्टेट हाईवे और मिर्जापुर-जरियनपुर-ढाई घाट मार्ग पर तेज बहाव के कारण आवागमन मंगलवार को भी बंद रहा। इस बीच, रेडक्रॉस सोसाइटी ने प्रशासन को बाढ़ राहत कार्यों में सहयोग देने का आश्वासन दिया है। संस्था के अध्यक्ष डॉ. विजय जौहरी ने डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह से मुलाकात कर पत्र सौंपा है।

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