कानपुर। जाजमऊ में निर्माणाधीन 20 एमएलडी क्षमता वाले कामन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) का कार्य समय सीमा और नेशनल मिशन क्लीन गंगा (एनएमसीजी) द्वारा निर्धारित अवधि के बावजूद पूरा न होने पर जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने वेटेक वबाग कंपनी पर 40 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के साथ इसे वसूलने के निर्देश दिए हैं।
यह परियोजना लगभग 600 करोड़ रुपये की लागत से बन रही है। बैठक के दौरान वेटेक वबाग कंपनी के सीईओ शैलेश कुमार और प्रोजेक्ट मैनेजर देवा आनंद के अनुपस्थित रहने तथा काम में देरी पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने जाजमऊ टेनरी इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट एसोसिएशन (जेटेटा) के सचिव को इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा।
समीक्षा में यह भी पता चला कि जोन एक में पिछले एक महीने से 207 मीटर पाइपलाइन का काम रुका हुआ है। निर्धारित समय सीमा में कार्य पूरा न होने के कारण जिलाधिकारी ने कंपनी की जिम्मेदारी तय करते हुए 40 करोड़ रुपये का जुर्माना तत्काल वसूलने के आदेश दिए।
बैठक में यह भी सामने आया कि रैमकी कंपनी ने जून से स्लज उठाने का कार्य बंद कर दिया है। इस पर जिलाधिकारी ने जेटेटा के सचिव को कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी करने और भविष्य में ऐसी समस्या न हो, इसकी चेतावनी देने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने सचिव जेटेटा को निर्देशित किया कि सीईटीपी संचालन में आ रही सभी परेशानियों का विस्तृत ब्यौरा तैयार कर नमामि गंगे परियोजना कार्यालय को तुरंत भेजा जाए, ताकि जल्द समाधान हो सके।
इस परियोजना की प्रारंभिक समय सीमा 31 अक्टूबर 2024 थी, लेकिन तब तक केवल 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो पाया था, जबकि अब तक 93 प्रतिशत ही कार्य पूर्ण हुआ है। बैठक में जेटेटा के सचिव नादरी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। कंपनी के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास विफल रहा।
परियोजना के पूरा होने पर यह क्षेत्र के प्रदूषण कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे 20 एमएलडी ट्रीटेड पानी उपलब्ध होगा, जिसका उपयोग सिंचाई में किया जा सकेगा। साथ ही, नए उद्योगों को भी आवश्यक सुविधा मिलेगी। केंद्र सरकार की 600 करोड़ रुपये की इस परियोजना से क्षेत्र के औद्योगिक और पर्यावरणीय विकास को बल मिलेगा।