हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश और बादल फटने से प्रदेश के किनौर जिले की ऋषि डोगरी घाटी में होजिस लुंगपा नाले में अचानक बाढ़ आ गई। इस दौरान चार लोग सतलुज नदी के दूसरी ओर फंस गए और एक व्यक्ति घायल हुआ। बाढ़ में सीपीडब्ल्यूडी का एक कैंप भी बह गया। घटना की सूचना मिलते ही ट्राइपीक्स ब्रिगेड की बचाव टीम रात के अंधेरे और तेज बहाव के बीच फंसे लोगों तक पहुंची। टीम ने ऊंचाई वाले इलाकों में काम करने वाले विशेष ड्रोन (LDHA) से खाना, पानी और जरूरी सामान पहुंचाया। घायल व्यक्ति को तुरंत रेकोंग पियो के अस्पताल में भर्ती कराया गया।
प्रशासन सतर्क और राहत कार्य में जुटा
बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं के बाद प्रदेश प्रशासन अलर्ट पर है। शिमला, लाहौल-स्पीति जिलों में कई पुल बह गए और 300 से अधिक सड़कें बंद कर दी गई हैं। गानवी घाटी में बाढ़ के चलते एक पुलिस चौकी भी बह गई। शिमला में भारी बारिश से कई दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं।幸द्य घटनाओं में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
सड़क और पुलों का नुकसान
लाहौल-स्पीति जिले की मयाड घाटी में करपट क्षेत्र में बादल फटने से चांगुत और उदगोस नाले में बाढ़ आई और दो पुल बह गए। लगातार बारिश के कारण लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। स्थानीय किसानों ने बताया कि कई बिघा कृषि भूमि भी नष्ट हो गई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, आपदाओं के कारण दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कुल 325 सड़कें बंद हैं, जिनमें 179 मंडी जिले और 71 कुल्लू जिले में हैं।
मौसम अलर्ट और सावधानी
मौसम विभाग ने कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट और सोलन, यूएनए, कुल्लू, चम्बा जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। आगामी दिनों में भी भारी बारिश की संभावना है। प्रशासन ने लोगों से नदियों और नालों से दूर रहने और केवल आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलने की अपील की है।
आर्थिक और मानवजनित नुकसान
अधिकारियों ने बताया कि मानसून की शुरुआत से अब तक राज्य को 2,031 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस मौसम में 126 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 36 लोग लापता हैं। अब तक प्रदेश में 63 अचानक बाढ़, 31 बादल फटने और 57 बड़े भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं।