जुलाई 2024 में थोक महंगाई दर घटकर -0.58% पर आ गई, जबकि जून में यह -0.13% थी। सरकार द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, यह स्तर पिछले दो वर्षों में सबसे कम है। महंगाई दर में गिरावट की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, खनिज तेल, कच्चे पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और मूल धातुओं की कीमतों में कमी रही।
जून में थोक मुद्रास्फीति 20 महीने के निचले स्तर -0.13% पर थी, जबकि मई में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) 14 महीने के न्यूनतम स्तर 0.39% पर दर्ज किया गया था। WPI उन वस्तुओं के दाम में उतार-चढ़ाव को मापता है, जो थोक व्यापारी बड़ी मात्रा में अन्य कंपनियों को बेचते हैं। यह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) से अलग है, जो खुदरा स्तर पर उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी गई वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में बदलाव पर नजर रखता है।