वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने भारत की साख को गुरुवार को एक स्तर बढ़ाकर ‘बीबीबी’ कर दिया। एजेंसी ने महंगाई नियंत्रण के लिए अपनाए गए प्रभावी मौद्रिक उपायों और मजबूत आर्थिक वृद्धि को रेटिंग बढ़ाने का मुख्य कारण बताया। यह पहला मौका है जब एसएंडपी ने भारत की रेटिंग को निम्नतम निवेश स्तर ‘बीबीबी-‘ से बढ़ाकर निवेश योग्य ‘बीबीबी’ किया है।
एसएंडपी ने अपने बयान में कहा कि भारत राजकोषीय मजबूती को प्राथमिकता दे रहा है और स्थायी सार्वजनिक वित्त उपलब्ध कराने के साथ मजबूत बुनियादी ढांचा तैयार करने के अभियान को बनाए रख रहा है। एजेंसी ने भारत की दीर्घकालीन ‘सॉवरेन’ रेटिंग को ‘बीबीबी-‘ से ‘बीबीबी’ और अल्पकालिक रेटिंग को ‘ए-3’ से ‘ए-2’ कर दिया है। दीर्घकालीन रेटिंग का परिदृश्य फिलहाल स्थिर बताया गया है।
एसएंडपी ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव नियंत्रित रहने योग्य है। भारत का व्यापार पर निर्भरता कम है और लगभग 60 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि घरेलू खपत से आती है। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार होने के बावजूद 50 प्रतिशत शुल्क लगने पर भी वृद्धि पर बड़ा असर नहीं पड़ेगा।
भारत सरकार ने इस रेटिंग अपग्रेड का स्वागत किया और ट्वीट में कहा कि एसएंडपी ने पिछली बार जनवरी 2007 में भारत की रेटिंग को ‘बीबीबी-‘ किया था। इस अपग्रेड के 18 साल बाद आया है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था की चुस्ती, सक्रियता और लचीलापन दर्शाता है।