परप्लेक्सिटी एआई ने गूगल क्रोम अधिग्रहण के लिए किया 34.5 अरब डॉलर का प्रस्ताव

AI स्टार्टअप परप्लेक्सिटी इन दिनों सुर्खियों में है। कंपनी ने गूगल के लोकप्रिय ब्राउजर क्रोम को 34.5 अरब डॉलर में खरीदने का प्रस्ताव रखा है, जो परप्लेक्सिटी के हालिया मूल्यांकन से लगभग दोगुना है। जुलाई में इस स्टार्टअप का मूल्यांकन 18 अरब डॉलर था। कंपनी के अनुसार, कई निवेशक पहले ही इस सौदे को वित्तपोषित करने के लिए तैयार हो चुके हैं।

क्रोम अधिग्रहण का मकसद
परप्लेक्सिटी क्रोम को इसलिए खरीदना चाहती है ताकि वह 300 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं तक सीधे पहुंच बना सके। क्रोम गूगल के सर्च इंजन का आधार है और इसके अधिग्रहण से परप्लेक्सिटी को यूजर व्यवहार, सर्च ट्रैफिक और विज्ञापन डेटा तक सीधे पहुंच मिलेगी।

वर्तमान में परप्लेक्सिटी का खुद का AI ब्राउजर Comet लगभग 1.5 करोड़ मासिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं के साथ काम कर रहा है। लेकिन क्रोम अधिग्रहित होने पर कंपनी दुनिया के सबसे बड़े ब्राउजर की मालिक बन जाएगी और उस इंटरफेस पर नियंत्रण प्राप्त कर सकेगी, जहां AI-संचालित सर्च सीधे यूजर्स से जुड़ता है।

क्या गूगल क्रोम बेचने के मूड में है?
गूगल ने क्रोम बेचने की कोई आधिकारिक योजना नहीं बनाई है। हालांकि, 2024 में एक अमेरिकी संघीय न्यायाधीश ने गूगल पर सर्च में अवैध एकाधिकार का आरोप लगाया था। अमेरिकी न्याय विभाग क्रोम की बिक्री को इस एकाधिकार के समाधान के रूप में देख रहा है। इस महीने एक और न्यायाधीश के फैसले की संभावना है, जो गूगल को अपने सर्च व्यवसाय को विभाजित करने का निर्देश दे सकता है।

गूगल ने संकेत दिया है कि वह ऐसे आदेश के खिलाफ अपील करेगा। हालांकि, अगर मजबूर किया गया तो कंपनी संभवतः इसे स्वीकार कर सकती है। ध्यान देने योग्य है कि परप्लेक्सिटी का 34.5 अरब डॉलर का प्रस्ताव, क्रोम के अनुमानित 50 अरब डॉलर के बाजार मूल्य से काफी कम है।

अन्य संभावित खरीदार
क्रोम अधिग्रहण को लेकर प्रतिस्पर्धा भी तेज हो रही है। OpenAI, Yahoo और प्राइवेट इक्विटी फर्म Apollo Global Management ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई है।

OpenAI इसे AI-फर्स्ट ब्राउज़िंग अनुभव के लिए एक मंच मानता है, जिसमें ChatGPT को ब्राउजर में एकीकृत करने की योजना है। Yahoo का लक्ष्य अपने सर्च व्यवसाय को पुनर्जीवित करना है। वहीं Apollo इसे एक उच्च-मूल्य वाला रणनीतिक एसेट मान रहा है। सभी संभावित खरीदार क्रोम को सिर्फ ब्राउजर नहीं, बल्कि AI, सर्च और विज्ञापन के लिए एक प्रभावशाली प्लेटफॉर्म के रूप में देख रहे हैं।

Perplexity ने पहले टिकटॉक अधिग्रहण का भी प्रस्ताव दिया था
जनवरी में परप्लेक्सिटी ने टिकटॉक के अमेरिकी संचालन को खरीदने का भी प्रस्ताव रखा था। कंपनी ने प्लेटफॉर्म का एल्गोरिद्म नए सिरे से बनाने और AI-आधारित फैक्ट-चेकिंग शामिल करने का सुझाव दिया था। साथ ही, संचालन को अमेरिकी डेटा सेंटरों में होस्ट करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का वादा किया गया था। लेकिन टिकटॉक ने तत्काल बिक्री का निर्णय नहीं लिया और यह प्रस्ताव ओरेकल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनियों के बीच दब गया।

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