रूस और यूक्रेन ने गुरुवार को 84-84 कैदियों की अदला-बदली की, जो इस वर्ष चल रही कई ऐसी प्रक्रियाओं की एक कड़ी है। अब तक 2024 में दोनों देशों के बीच सैकड़ों युद्धबंदी रिहा हो चुके हैं। यह अदला-बदली, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुक्रवार को अलास्का में होने वाली मुलाकात से महज एक दिन पहले हुई।
रिहा हुए 29 वर्षीय यूक्रेनी नौसैनिक मायकीता कलिबेर्दा ने कहा, “मैं वापस अपने देश पहुंच गया हूं। सच कहूं तो, कभी नहीं सोचा था कि यह दिन देख पाऊंगा।”
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के अनुसार, रिहा किए गए लोगों में सैनिक और नागरिक, दोनों शामिल हैं। इनमें से कुछ 2014, 2016 और 2017 से कैद में थे। मारियुपोल शहर की रक्षा करने वाले कई सैनिक भी इस अदला-बदली का हिस्सा हैं—यह वही बंदरगाह है जिसे 2022 में करीब तीन महीने की घेराबंदी के बाद रूस ने कब्जे में ले लिया था।
मारियुपोल में लड़ने वाले एक सैनिक की मां तेतियाना तुर्कमान ने कहा, “मेरा बेटा तीन साल से ज्यादा समय तक कैद में रहा। हमें भरोसा था कि एक दिन वह जरूर लौटेगा।” वहीं एक अन्य महिला अनास्तासिया, जिनके पति आर्थर इवानिक भी रिहा हुए, ने बताया कि वह कई बार इस कार्यक्रम में उम्मीद से पहुंचीं, और आखिरकार उनका इंतजार खत्म हुआ।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस आदान-प्रदान में संयुक्त अरब अमीरात ने मध्यस्थता की। रिहा हुए रूसी सैनिकों को चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक सहायता दी जा रही है।
मई से जुलाई के बीच इस्तांबुल में हुई तीन दौर की शांति वार्ताओं का सबसे बड़ा नतीजा यह बड़े पैमाने पर कैदियों की अदला-बदली रही। पिछले महीने दोनों पक्षों ने 1,200-1,200 युद्धबंदियों को रिहा करने पर सहमति जताई थी। रूसी वार्ताकारों के अनुसार, मॉस्को ने यूक्रेन को 3,000 मारे गए सैनिकों के शव लौटाने की पेशकश भी की है।