केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में बड़े सुधार का संकेत दिया है। सूत्रों के मुताबिक, इसे ‘अगली पीढ़ी का जीएसटी’ नाम दिया गया है, जिसमें वर्तमान चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को केवल दो स्लैब में समेटा जाएगा — 5% और 18%। अधिकारियों के अनुसार, यह बदलाव भविष्य में एकल जीएसटी दर लागू करने की दिशा में अहम कदम होगा। सरकार का लक्ष्य है कि 2047 तक भारत में राष्ट्र-एक टैक्स सिस्टम हो।
वर्तमान में 12% और 28% स्लैब को खत्म कर 5% और 18% स्लैब लागू किए जाएंगे। 12% टैक्स में आने वाली करीब 99% वस्तुएं जैसे बटर, जूस और ड्राई फ्रूट्स, अब 5% टैक्स के दायरे में आएंगी। वहीं 28% स्लैब में आने वाले लगभग 90% सामान जैसे टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और सीमेंट को 18% टैक्स स्लैब में रखा जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि टैक्स कम करने का उद्देश्य लोगों की जेब में अधिक पैसा छोड़ना है ताकि खपत बढ़े और अर्थव्यवस्था मजबूत हो। इससे वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी और मांग बढ़ेगी। हालांकि शुरू में राजस्व पर असर पड़ सकता है, लेकिन बढ़ी हुई खपत घाटे को पूरा कर देगी।
सूत्रों के मुताबिक, इस सुधार पर छह महीने से अधिक समय तक विस्तृत बैठकों में चर्चा हुई। प्रत्येक वस्तु का विश्लेषण कर उन्हें ‘मेरिट गुड्स’ और ‘स्टैंडर्ड गुड्स’ में बांटा गया। यह परिवर्तन स्थायी समाधान के रूप में देखा जा रहा है, जो टैक्स में स्थिरता लाएगा और इनपुट टैक्स क्रेडिट जैसी समस्याओं को कम करेगा।
अधिकारी बताते हैं कि भारत की विविध आय और उपभोग क्षमता को देखते हुए अभी एकल स्लैब लागू करना संभव नहीं, लेकिन 2047 तक देश के विकसित राष्ट्र बनने पर यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। वर्तमान ‘अगली पीढ़ी का जीएसटी’ इसी दिशा में पहला कदम माना जा रहा है।
इस बदलाव का ऐलान ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर भारी टैरिफ लगाए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 25% शुल्क लगाने के बाद इसे 50% तक बढ़ाने की योजना बनाई है। इसका असर भारत के जेम्स एंड ज्वेलरी, टेक्सटाइल्स और फुटवियर निर्यात पर पड़ेगा। इस चुनौती के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर ‘आत्मनिर्भर भारत’ का संदेश दिया और देशवासियों से स्वदेशी वस्तुएं अपनाने की अपील की।
सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव को पहले राज्यों के मंत्रियों के समूह (जीओएम) को भेजा जाएगा। उनकी सहमति के बाद इसे जीएसटी काउंसिल में रखा जाएगा, जहां केंद्रीय और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि मिलकर अंतिम निर्णय लेंगे। भाजपा का मानना है कि ‘अगली पीढ़ी का जीएसटी’ से न केवल टैक्स ढांचा सरल होगा बल्कि उपभोक्ताओं और छोटे व्यवसायों दोनों को लाभ मिलेगा। काउंसिल की बैठक अगले महीने होने की संभावना है।