HDFC बैंक ने बदले नियम: अब केवल 4 मुफ्त कैश ट्रांजेक्शन, उससे ज्यादा पर शुल्क

मुंबई। निजी क्षेत्र के अग्रणी बैंक HDFC ने अपनी बचत खाता नीतियों में बड़ा बदलाव किया है। नए नियमों के तहत ग्राहकों को महीने में केवल चार कैश ट्रांजेक्शन मुफ्त मिलेंगे। इसके बाद हर अतिरिक्त ट्रांजेक्शन पर 150 रुपये का शुल्क देना होगा। यह व्यवस्था 1 अगस्त 2025 से लागू हो चुकी है। बैंक का कहना है कि इन बदलावों का उद्देश्य ग्राहकों को डिजिटल माध्यमों से लेन-देन के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि सेवाएं और अधिक सुरक्षित व सुगम हों।

कैश लेन-देन की नई शर्तें
पहले जहां हर महीने 2 लाख रुपये तक के कैश ट्रांजेक्शन पर कोई शुल्क नहीं था, अब यह सीमा घटाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। निर्धारित चार मुफ्त लेन-देन के बाद प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर 150 रुपये लगेंगे। वहीं, अगर कोई ग्राहक महीने में 1 लाख रुपये से अधिक कैश जमा या निकासी करता है तो उस पर 5 रुपये प्रति 1,000 रुपये के हिसाब से शुल्क लिया जाएगा, जिसकी न्यूनतम राशि 150 रुपये होगी। इसका असर खासकर उन ग्राहकों पर पड़ेगा जो शाखाओं में जाकर बार-बार नकदी लेन-देन करते हैं।

थर्ड पार्टी ट्रांजेक्शन पहले जैसे रहेंगे
बैंक की तीसरे पक्ष के खातों से नकदी जमा या निकासी की नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसकी दैनिक सीमा अभी भी 25,000 रुपये ही रहेगी। ऐसे ट्रांजेक्शन पर वही शुल्क लागू होंगे, जो सामान्य नकद लेन-देन पर हैं।

NEFT, RTGS और IMPS पर भी नए शुल्क
HDFC बैंक ने ऑनलाइन फंड ट्रांसफर सेवाओं पर भी शुल्क संरचना में बदलाव किया है।

  • NEFT:
    • 10,000 रुपये तक – 2 रुपये
    • 10,000 से 1 लाख रुपये तक – 4 रुपये
    • 1 लाख से 2 लाख रुपये तक – 14 रुपये
    • 2 लाख रुपये से ऊपर – 24 रुपये
  • RTGS:
    • 2 लाख से 5 लाख रुपये तक – 20 रुपये
    • 5 लाख रुपये से अधिक – 45 रुपये
  • IMPS:
    • 1,000 रुपये तक – 2.50 रुपये
    • 1,000 से 1 लाख रुपये तक – 5 रुपये
    • 1 लाख रुपये से ऊपर – 15 रुपये

अन्य सेवाओं में भी बदलाव
बैंक ने कई अन्य सेवाओं पर भी शुल्क में संशोधन किया है। बैलेंस या इंटरेस्ट सर्टिफिकेट, पते के प्रमाणन के लिए अब 100 रुपये (सीनियर सिटीजन के लिए 90 रुपये) लगेंगे। पुराने रिकॉर्ड या भुगतान किए गए चेक की प्रति के लिए 80 रुपये (सीनियर सिटीजन के लिए 72 रुपये) शुल्क लगेगा। अच्छी खबर यह है कि PIN रीजनरेशन अब पूरी तरह मुफ्त होगा।
चेकबुक नियमों में भी बदलाव हुआ है। ग्राहकों को साल में केवल एक 10 पन्नों की चेकबुक निःशुल्क मिलेगी। अतिरिक्त पन्नों के लिए 4 रुपये प्रति पन्ना शुल्क लगेगा, जबकि वरिष्ठ नागरिकों को इस पर रियायत मिलेगी।

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