महाराष्ट्र की राजनीति में विवाद का नया दौर शुरू हो गया है। एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने रविवार को चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 2024 का विधानसभा चुनाव निष्पक्ष नहीं था। उनका दावा है कि वोटों की हेराफेरी कर महायुति गठबंधन सत्ता तक पहुंचा।
अकोला में प्रेस वार्ता के दौरान आव्हाड ने सवाल उठाया कि मतदान के अंतिम एक घंटे में अचानक 76 लाख वोट कैसे जुड़ गए। उन्होंने इसे सुनियोजित चुनावी प्रबंधन करार दिया और कहा कि विधानसभा चुनाव में धांधली हुई है। आव्हाड ने दोहराया, “यह सरकार वोट चोरी से बनी है।”
राहुल गांधी के आरोपों का हवाला
आव्हाड ने आगे कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी पहले चुनावी गड़बड़ियों की ओर इशारा कर चुके हैं। राहुल गांधी ने कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए दावा किया था कि वहां एक लाख से अधिक वोट अलग-अलग तरीकों से चोरी किए गए। उन्होंने अन्य राज्यों में भी इसी तरह की अनियमितताओं का जिक्र किया था। आव्हाड का कहना है कि इन गंभीर सवालों का चुनाव आयोग के पास कोई ठोस जवाब नहीं है।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा कि राहुल गांधी को अपने आरोपों का समर्थन करने के लिए सात दिन के भीतर शपथपत्र देना होगा। अन्यथा उनकी “वोट चोरी” की बातें निराधार मानी जाएंगी। इस पर आव्हाड ने आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह पहले भी दल-बदल करने वाले नेताओं को मान्यता देता रहा है।
सावरकर और भोजन संस्कृति पर टिप्पणी
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आव्हाड ने वी.डी. सावरकर पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “दो राष्ट्र सिद्धांत” के प्रवर्तक सावरकर थे, न कि महात्मा गांधी या जवाहरलाल नेहरू। इसके साथ ही उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर कुछ नगर निकायों द्वारा मीट बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध का विरोध किया। आव्हाड ने कहा कि भारतीय खानपान संस्कृति विविध है और इसमें शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के भोजन को चुनने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जो लोग अंग्रेजों के सहयोगी रहे, वे भारतीय इतिहास और संस्कृति को सही ढंग से नहीं समझ पाएंगे।