नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से शपथपत्र की मांग कर विवाद को नया मोड़ दे दिया है। रविवार को दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव आयोग ने अखिलेश यादव के दावे को खारिज कर दिया कि सपा की तरफ से उन्हें हलफनामा दिया गया है।
इसके जवाब में अखिलेश यादव ने आयोग को दिए गए शपथपत्रों की पावती रसीद सार्वजनिक कर दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि चुनाव आयोग यह कह रहा है कि उन्हें यूपी में सपा द्वारा दिया गया हलफनामा नहीं मिला, लेकिन उन्हें कार्यालय द्वारा दी गई पावती को देखना चाहिए। अखिलेश ने मांग की कि आयोग पुष्टि करे कि डिजिटल रसीद सही है, अन्यथा ‘चुनाव आयोग’ और ‘डिजिटल इंडिया’ दोनों ही सवालों के घेरे में आ सकते हैं। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधा।
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि 2022 के विधानसभा चुनाव में 1800 मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए थे। इसके बाद उन्होंने आयोग में शिकायत दर्ज कराई और हलफनामा भी दिया, लेकिन तीन साल तक आयोग की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
चुनाव आयोग की प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार गुप्ता ने कहा कि आयोग को कोई हलफनामा प्राप्त नहीं हुआ, केवल शिकायत पत्र दर्ज हुआ था। इसके बाद सपा ने अपनी सक्रियता दिखाई और पावती सार्वजनिक करते हुए आयोग से शपथपत्र की मांग कर दी।