महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति का पद खाली है और अब नया उपराष्ट्रपति चुना जाएगा, यह अच्छी बात है। हालांकि सपा का क्या रुख होगा, इस पर उन्होंने कहा कि इस बारे में फैसला बैठकर किया जाएगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वरिष्ठ नेता हैं और उत्तर प्रदेश से आते हैं। यदि उनसे बातचीत होगी और जरूरत महसूस होगी तो हम बात करेंगे। लेकिन हमारी राजनीतिक दिशा स्पष्ट है, अब निर्णय इंडिया ब्लॉक को लेना है।
चुनाव आयोग पर साधा निशाना
चुनाव आयोग को लेकर अखिलेश यादव ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आयोग जानबूझकर पिछड़ी जातियों के वोट काटता है और मीडिया के जरिए यह संदेश दिया जाता है कि उन्हें पिछड़ों का समर्थन मिल रहा है, जबकि वास्तविकता इसके विपरीत है। उन्होंने मांग की कि अगर किसी जिलाधिकारी (डीएम) को निलंबित कर दिया जाए तो एक भी वोट नहीं कटेगा।
सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि 2017 के चुनाव में आयोग ने कई अधिकारियों को हटाया था, लेकिन 2019, 2022 और 2024 में एक भी अधिकारी नहीं बदला गया। समाजवादी पार्टी की सरकार में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और गृह सचिव तक को बदला गया था, लेकिन भाजपा सरकार में यूपी के किसी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की गई।
फर्जी वोटिंग और अधिकारियों की भूमिका का आरोप
अखिलेश ने दावा किया कि कन्नौज के छिबरामऊ से भाजपा विधायक ने अपने बूथ पर 400 फर्जी वोट डलवाए थे, जिनमें से 200 से ज्यादा फर्जी वोट उन्होंने हटवाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब ममता बनर्जी विधानसभा चुनाव हारी थीं, तब चुनाव आयोग सीधे थाना प्रभारी (एसओ) और पुलिस अधिकारियों से संवाद कर रहा था।
दिल्ली में प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर ने कन्नौज को लेकर जो टिप्पणी की, उसमें ‘ठाकुर’ शब्द जोड़ने से उसका मतलब बदल जाता है। अखिलेश ने यह भी कहा कि बूथ स्तर के अधिकारी (बीएलओ) और पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति जातिगत आधार पर नहीं होनी चाहिए।